आईएएस अभिषेक प्रकाश और 16 अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ीं, जांच रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी ने दी कार्रवाई की मंजूरी

:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले में तत्कालीन डीएम आईएएस अभिषेक प्रकाश समेत 16 अधिकारियों पर कार्रवाई की मंजूरी दे दी है। इसमें तत्कालीन एडीएम (प्रशासन) अमर पाल सिंह, चार एसडीएम, चार तहसीलदार और अन्य अधिकारी शामिल हैं।

आईएएस अभिषेक प्रकाश और 16 अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ीं, जांच रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी ने दी कार्रवाई की मंजूरी

लखनऊ (जनमत):मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले में तत्कालीन डीएम आईएएस अभिषेक प्रकाश समेत 16 अधिकारियों पर कार्रवाई की मंजूरी दे दी है। इसमें तत्कालीन एडीएम (प्रशासन) अमर पाल सिंह, चार एसडीएम, चार तहसीलदार और अन्य अधिकारी शामिल हैं। अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च को निलंबित किया जा चुका है, जबकि बाकी अधिकारियों का निलंबन भी तय माना जा रहा है।

भटगांव में भूमि अधिग्रहण को लेकर मंडलायुक्त के आदेश पर राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने जांच की थी। उन्होंने 83 पृष्ठों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी, जिसमें भूमि अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। राजस्व परिषद ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास भेजी थी, जिनके निर्देश पर कार्रवाई की गई।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रय समिति के अध्यक्ष के रूप में लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और सदस्य सचिव के रूप में सरोजनीनगर के तहसीलदार ने अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं किया, जिससे अनियमित भुगतान और सरकारी धन का नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद राजस्व विभाग ने रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेज दी है, और अब आगे की कार्रवाई इन अधिकारियों द्वारा की जाएगी।

इसके अलावा, इन्वेस्ट यूपी के निलंबित सीईओ की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। लखनऊ में डीएम के तौर पर उनकी तैनाती के दौरान एक करीबी व्यक्ति ने कई लोगों से वसूली की थी। यह व्यक्ति उन्हें अपना करीबी बताकर लोगों को ठगता था और काम कराने के बदले बड़ी डील करता था। पुलिस ने इस व्यक्ति के बारे में भी कई जानकारियां जुटाई हैं और जांच कर रही है।

मेरठ के इस व्यक्ति ने पुराने लखनऊ के एक व्यक्ति के भूमि विवाद को सुलझाने और उसकी संपत्ति को जब्त होने से बचाने के लिए करोड़ों रुपये में सौदा किया था। आरोप है कि उसने पीड़ित से कुछ राशि वापस की, लेकिन बाकी रकम हड़प ली। इस व्यक्ति का नाम हुसैन बताया गया है, हालांकि असली नाम कुछ और है। वह अक्सर अभिषेक प्रकाश के अधीन रहे अफसरों से मिलता रहता था, और दावा किया जाता है कि अभिषेक ने मेरठ के पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क किया था।

रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एसडीएम शंभू शरण, आनंद कुमार, देवेंद्र कुमार, संतोष कुमार, तहसीलदार मनीष त्रिपाठी, विजय कुमार, ज्ञानेंद्र सिंह, उमेश कुमार, नायब तहसीलदार कविता ठाकुर, राजस्व निरीक्षक राधेश्याम, जितेंद्र कुमार सिंह, नैंसी शुक्ला, लेखपाल हरिश्चंद्र और ज्ञान प्रकाश अवस्थी को दोषी ठहराया गया है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद, रिपोर्ट संबंधित विभागों को भेजी गई है, और आगे की कार्रवाई इन विभागों द्वारा की जाएगी।

Published By: Ambuj Mishra