नेपाल में उपद्रव का असर: भारतीय सीमावर्ती बाजारों में पसरा सन्नाटा, कारोबार ठप, दुकानदारों की बढ़ी चिंता
सीमावर्ती भारतीय बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और दुकानदार हाथ पर हाथ धरे मायूस बैठे हुए हैं। चार दिनों से ग्राहक न आने के कारण अब उन्हें रोजीरोटी की चिंता सताने लगी है।

नेपालगंज/बहराइच/जनमत न्यूज। नेपाल में उपद्रव, आगजनी और तोड़फोड़ के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसका सीधा असर भारत-नेपाल सीमा से सटे भारतीय बाजारों पर पड़ रहा है। आलम यह है कि सीमावर्ती भारतीय बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और दुकानदार हाथ पर हाथ धरे मायूस बैठे हुए हैं। चार दिनों से ग्राहक न आने के कारण अब उन्हें रोजीरोटी की चिंता सताने लगी है।
बहराइच जिले के रुपईडीहा बाजार के दुकानदारों का कहना है कि उनका लगभग 90 फीसदी कारोबार नेपाल के ग्राहकों पर निर्भर है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में नेपाली ग्राहक यहां आकर रोजमर्रा की वस्तुओं से लेकर कपड़े, चूड़ी और जरूरी सामान खरीदते हैं। इससे दोनों देशों के सीमावर्ती बाजारों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहती है। लेकिन नेपाल में उपद्रव शुरू होने के बाद से ग्राहकों का आना-जाना पूरी तरह बंद हो गया है, जिसके चलते रुपईडीहा का बाजार ठप हो गया है।
स्थानीय कपड़ा व्यवसायी ने बताया कि पिछले चार दिनों से दुकान पर एक भी ग्राहक नहीं आया है। वहीं चूड़ी व्यवसायी का कहना है कि ग्राहक को देखने के लिए तरस गए हैं। हालात यह हैं कि दुकानदारों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। उनका कहना है कि यदि नेपाल की स्थिति जल्द सामान्य नहीं हुई तो सीमावर्ती बाजारों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार, केवल रुपईडीहा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य सीमावर्ती बाजार जैसे बनबसा, गौरीफंटा, बढ़नी, सोनौली सहित आधा दर्जन से अधिक बाजार नेपाल के ग्राहकों पर ही निर्भर हैं। नेपाल की बिगड़ी व्यवस्था की वजह से इन सभी बाजारों में कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा है। अब यहां के व्यापारी इंतजार कर रहे हैं कि नेपाल में स्थिति सामान्य हो और बाजार एक बार फिर से गुलजार हों।