फर्जी गिरफ्तारी प्रकरण में बड़ा फैसला: 12 तत्कालीन पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने के आदेश

न्यायालय ने आदेश में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक पंकज लवानिया, विवेचक समेत अन्य पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

फर्जी गिरफ्तारी प्रकरण में बड़ा फैसला: 12 तत्कालीन पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने के आदेश
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

संभल से रामब्रेस यादव की रिपोर्ट —

संभल/जनमत न्यूज। चंदौसी स्थित जनपद न्यायालय ने बहजोई कोतवाली क्षेत्र से जुड़े एक गंभीर प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए तत्कालीन 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश एक आरोपी की याचिका पर आया, जिसमें दावा किया गया था कि उसे फर्जी ढंग से लूट के मामले में जेल भेजा गया, जबकि घटना के समय वह बदायूं जेल में बंद था।

आरोपी ने न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए साक्ष्य पेश किए, जिसके आधार पर अदालत ने माना कि गिरफ्तारी संदिग्ध परिस्थितियों में की गई। वहीं, जांच में यह भी सामने आया कि मामले की विवेचना और गिरफ्तारी के दौरान गंभीर लापरवाही बरती गई।

न्यायालय ने आदेश में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक पंकज लवानिया, विवेचक समेत अन्य पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, तत्कालीन सीओ गोपाल सिंह को दोषमुक्त माना गया है क्योंकि प्रकरण से पूर्व ही उनका स्थानांतरण हो चुका था। उल्लेखनीय है कि कथित मुठभेड़ 25 अप्रैल को होना बताई गई थी, जबकि सीओ का ट्रांसफर 18 अप्रैल को कर दिया गया था।

पूरा मामला तब उजागर हुआ जब आरोपी ने यह दावा किया कि जिस समय लूट की घटना बताई गई है, उस दौरान वह बदायूं जेल में निरुद्ध था। इस दावे की पुष्टि साक्ष्यों के आधार पर होने के बाद न्यायालय ने पुलिस कार्रवाई को संदिग्ध मानते हुए संबंधित पुलिसकर्मियों पर आपराधिक केस दर्ज करने का निर्देश जारी किया।

इस फैसले ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि न्यायिक प्रणाली में भरोसा और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है।