रायबरेली: एनकाउंटर की धमकी, लॉकअप में पिटाई और वसूली का खेल! भाजपा नेता व दरोगा समेत 9 पर कोर्ट का शिकंजा

कानून के रखवाले ही जब कानून तोड़ने के आरोपी बन जाएं, तो इंसाफ की लड़ाई अदालत तक पहुंचती है। रायबरेली के हरचंदपुर थाना क्षेत्र में ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है.

रायबरेली: एनकाउंटर की धमकी, लॉकअप में पिटाई और वसूली का खेल! भाजपा नेता व दरोगा समेत 9 पर कोर्ट का शिकंजा
Published By- Diwaker Mishra

रायबरेली से महताब खान की रिपोर्ट

रायबरेली/जनमत न्यूज़। कानून के रखवाले ही जब कानून तोड़ने के आरोपी बन जाएं, तो इंसाफ की लड़ाई अदालत तक पहुंचती है। रायबरेली के हरचंदपुर थाना क्षेत्र में ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है।

जहां कोर्ट के आदेश पर बछरावां भाजपा मंडल अध्यक्ष और बछरावां कोतवाली में तैनात दरोगा समेत नौ लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप हैं कि एनकाउंटर का खौफ दिखाकर युवक की बेरहमी से पिटाई, अवैध वसूली और दिन-दहाड़े लॉकअप में ज्यादती की गई। 

दाउदपुर गांव निवासी विश्वास उर्फ सौरभ के मुताबिक 18 जून की रात करीब दो बजे उसके घर का दरवाजा खटखटाया गया। दरवाजा खुलते ही कथित रूप से खुद को पुलिस बताने वाले लोग टूट पड़े। मारपीट करते हुए कहा गया, एक लाख रुपये का इंतजाम करो, वरना एनकाउंटर कर देंगे।

आरोप है कि डरी-सहमी मां ने घर में रखे 45 हजार रुपये सौंप दिए, फिर भी युवक को जबरन उठा लिया गया। पीड़ित का दावा है कि उसे बछरावां कोतवाली ले जाकर बंद कर दिया गया। अगले दिन दरोगा ने लॉकअप से बाहर निकालकर दोबारा पिटाई कराई, जिससे वह बेहोश हो गया।

आरोप है कि सात दिन तक बिना किसी वैध कार्रवाई के उसे हवालात में रखा गया। न्याय की गुहार लेकर वह थाने से लेकर पुलिस अफसरों तक दौड़ा, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां से अब कार्रवाई का रास्ता खुला।

हरचंदपुर थाना प्रभारी हरिकेश सिंह के मुताबिक बछरावां कोतवाली के दरोगा जितेश सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रवेश वर्मा, शिवकुमार समेत 56 अन्य के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई है।

उधर भाजपा मंडल अध्यक्ष ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों को साजिश करार दिया है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला पूर्व में हुए भूमि विवाद और पुलिस से मारपीट की घटना से जुड़ा हो सकता है।

अब सवाल यही है, क्या यह वर्दी और सियासत की सांठगांठ का मामला है, या फिर झूठे आरोपों की आड़ में बदले की कहानी? जवाब जांच के बाद सामने आएगा, लेकिन फिलहाल कोर्ट के आदेश ने जिले की राजनीति और पुलिस महकमे में हलचल जरूर मचा दी है।