सीमा पार Surgical Strike: 9 आतंकी ठिकाने तबाह

भारत सरकार ने "ऑपरेशन सिंदूर" से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दे दिया गया है।

सीमा पार Surgical Strike: 9 आतंकी ठिकाने तबाह
Published By: Satish Kashyap

नई दिल्ली (जनमत): भारत सरकार ने "ऑपरेशन सिंदूर" से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दे दिया गया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ दो महिला सैन्य अधिकारी—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह—ने हिस्सा लिया और अभियान की पूरी जानकारी दी।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि यह हमला 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद का सबसे बड़ा आतंकी वारदात था, जिसमें बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिकों की जान गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था, जो पाकिस्तान से संचालित होता है। हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' नामक संगठन ने ली थी, जिसे लश्कर का ही एक नया चेहरा माना जाता है।

मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान से इस संगठन का नाम हटवाने के लिए भरपूर कोशिश की, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान का इससे सीधा संबंध था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को पनाह देने वाले देश के रूप में पहचाना जा रहा है।

विदेश सचिव ने यह भी बताया कि भारत ने 23 अप्रैल को सिंधु जल समझौते को रोकने समेत कई कठोर कदम उठाए थे, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान ने आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं की, उल्टा भारत पर ही आरोप लगाता रहा।

ऐसे हालात में भारत ने आत्मरक्षा और सुरक्षा के मद्देनज़र सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई की। भारतीय सेना ने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए सीमापार अभियान चलाया।

इस अभियान का ब्यौरा देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर कुल 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए। इस दौरान विशेष रूप से ध्यान रखा गया कि केवल आतंकवादियों को नुकसान पहुंचे, आम नागरिकों को कोई क्षति न हो।

उन्होंने बताया कि कोटली अब्बास स्थित एक आतंकी प्रशिक्षण केंद्र को पूरी तरह नष्ट किया गया, जहां करीब 1500 आतंकी प्रशिक्षण ले चुके थे। इसके अलावा बहावलपुर और महमूना जोया जैसे क्षेत्रों में भी आतंकी अड्डों को समाप्त किया गया।

सबसे अहम बात यह रही कि लश्कर का मुख्य अड्डा, मुरीदके स्थित मरकज तैयबा, जहां से आतंकी अजमल कसाब को भी ट्रेनिंग दी गई थी, उसे भी सफलतापूर्वक खत्म कर दिया गया।

कर्नल कुरैशी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरी कार्रवाई में न तो किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नुकसान पहुंचाया गया और न ही किसी आम नागरिक को। यह अभियान पूरी तरह से लक्षित और आतंकवाद के विरुद्ध था।