बहराइच में आदमखोर का आतंक: दो मासूमों की गई जान, चार लोग घायल, लाठी लेकर पहरा दे रहे ग्रामीण
जनपद बहराइच के महसी इलाके से शुरू हुआ आदमखोर का आतंक अब कैसरगंज तहसील तक फैल गया है। खूंखार जंगली जानवर के लगातार हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं।

बहराइच/जनमत न्यूज। जनपद बहराइच के महसी इलाके से शुरू हुआ आदमखोर का आतंक अब कैसरगंज तहसील तक फैल गया है। खूंखार जंगली जानवर के लगातार हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं। बच्चे और महिलाएँ सबसे ज्यादा निशाने पर हैं, जिससे गाँवों में मातम और खौफ का माहौल है।
जानकारी के मुताबिक, अब तक इस आदमखोर ने दो मासूम बच्चों की जान ले ली है और चार ग्रामीणों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है। 9 सितम्बर की रात परगपुरवा गाँव में एक मासूम बच्ची को भेड़िया निवाला बना गया। अगले दिन एक अधेड़ महिला पर हमला कर दिया गया, जो गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।
13 सितम्बर की रात बहोरवा गाँव में दिल दहला देने वाली घटना हुई। एक माँ अपनी बच्ची को गोद में लिए सो रही थी, तभी आदमखोर भेड़िया घर में घुस आया और बच्ची को गोद से छीन ले गया। ग्रामीणों ने पीछा किया लेकिन भेड़िया अंधेरे में गुम हो गया। अगले दिन खेत से बच्ची का शव बरामद हुआ।
इसके बाद दो दिन पूर्व दिनदहाड़े तीन ग्रामीणों पर हमला हुआ, जिसमें दो महिलाएँ गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
लगातार हो रहे हमलों से गाँवों में खामोशी और डर का माहौल है। ग्रामीण अब रात-रात भर जागकर लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं और “जागते रहो” का हाँका लगा रहे हैं ताकि बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित रखा जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की टीमें अब तक इस आदमखोर जंगली जानवर को पकड़ने में नाकाम रही हैं। वहीं क्षेत्र में भेड़िये और तेंदुए के देखे जाने की घटनाएँ दहशत और बढ़ा रही हैं।
अब सवाल यही है कि आखिर कब तक ग्रामीण इस आदमखोर के खौफ के साए में अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर रहेंगे?