एंटी करप्शन टीम द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए तहसील पेशकार को दोबारा मिली चार्ज, जय किसान आन्दोलन ने लगाया पक्षपात का आरोप, तबादले की उठी मांग
जमानत पर छूटने के बाद आरोपी पेशकार को फिर से एसडीएम ऊंचाहार न्यायालय में अटैच कर दिया गया। वहां रहते हुए उसने शिकायतकर्ता संतोष कुमार पर समझौते का दबाव बनाया और धमकी दी। संतोष के इंकार करने पर उन्हें 7 सितंबर को शांति भंग की कार्रवाई में पाबंद कर जेल भेज दिया गया।
रायबरेली/जनमत न्यूज। रायबरेली जिले में भ्रष्टाचार के एक मामले ने नया मोड़ ले लिया है। एंटी करप्शन टीम द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए तहसील पेशकार कृष्ण बहादुर सिंह को दोबारा ऊंचाहार एसडीएम न्यायालय में तैनात कर दिया गया है, जबकि उन्हीं के खिलाफ शिकायत करने वाले को जेल भेज दिया गया है। इस पर जय किसान आन्दोलन ने गंभीर आपत्ति जताते हुए एसडीएम और पेशकार के तत्काल तबादले की मांग की है।
आन्दोलन के अध्यक्ष शिवप्रताप ने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में बताया कि आंदोलन के सदस्य संतोष कुमार (निवासी पट्टी रहस कैथवल) की शिकायत पर 29 मई को एंटी करप्शन टीम लखनऊ ने पेशकार कृष्ण बहादुर सिंह को 7,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ तहसील महाराजगंज में भी भ्रष्टाचार की जांच लंबित है।
ज्ञापन में आरोप है कि जमानत पर छूटने के बाद आरोपी पेशकार को फिर से एसडीएम ऊंचाहार न्यायालय में अटैच कर दिया गया। वहां रहते हुए उसने शिकायतकर्ता संतोष कुमार पर समझौते का दबाव बनाया और धमकी दी। संतोष के इंकार करने पर उन्हें 7 सितंबर को शांति भंग की कार्रवाई में पाबंद कर जेल भेज दिया गया।
आन्दोलन ने कहा कि एसडीएम ऊंचाहार राजेश कुमार श्रीवास्तव जानबूझकर संतोष कुमार की जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं, जबकि रोज़ अन्य शांति भंग आरोपियों को जमानत मिल रही है। इसे शिकायतकर्ता के खिलाफ बदले की कार्रवाई बताया जा रहा है।
जय किसान आन्दोलन ने साफ चेतावनी दी है कि अगर एसडीएम और पेशकार का तत्काल तबादला नहीं किया गया, तो 15 सितंबर को हजारों की संख्या में डीएम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

Janmat News 
