नशा मुक्ति केंद्र पर पीटाई होने से हुई थी मौत

नशा से मुक्ति दिलाने के नाम पर भर्ती मरीजों की पिटाई होती है। विगत 28 फरवरी को हुए युवक तौसीफ की मौत में दो अभियुक्तों को पकड़कर पुलिस ने जेल दिया है। आलाकत्ल लोहे की पाइप और लकड़ी का बेंत भी बरामद किया गया।

नशा मुक्ति केंद्र पर पीटाई होने से हुई थी मौत

मिर्जापुर/जनमत। नशा से मुक्ति दिलाने के नाम पर भर्ती मरीजों की पिटाई होती है। विगत 28 फरवरी को हुए युवक तौसीफ की मौत में दो अभियुक्तों को पकड़कर पुलिस ने जेल दिया है। आलाकत्ल लोहे की पाइप और लकड़ी का बेंत भी बरामद किया गया। मौत के पहले मार से आजीज आकर तौसीफ ने भागने का प्रयास किया था। सीसीटीवी में दिखे मौत से कुछ घंटे पहले उसे पकड़ कर नशा केन्द्र ले जाते अभियुक्त। 
बतादें कि नशा मुक्ति केंद्र का सच वहां से बच कर निकले युवक ने बताया कि 3 लोग जमीन पर लेटा कर पकड़े रहते है और दो लोग बेरहमी से लाठी से पीठ और कमर के नीचे वार करते है। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार कटरा कोतवाली क्षेत्र के बसही निवासी परिवार के इकलौते युवक तौसीफ आलम की मौत का राज खुल गया है। बीते 28 फरवरी को पीट पीट कर उसे मार दिया गया था। नशा के लत को छुड़ाने के लिए उसे लंका पहाड़ी गांव स्थित नशा मुक्ति केंद्र पर 14 फरवरी को भर्ती कराया गया था। तौसीफ की मौत से आक्रोशित परिजनों ने हाईवे भी उसी दिन जाम किया था। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू किया। उसी दिन के मिले सीसीटीवी फुटेज में मौत से पहले युवक को ले जाते नशा मुक्ति केंद्र के दो लोग शिवम तिवारी और रामशंकर प्रजापति दिखाई दिए। दोनों अभियुक्तों से पूछताछ करने पर बताया कि भागने का प्रयास किया था। पकड़ कर लाने पर अपशब्दों का प्रयोग कर रहा था। जिसपर आक्रोश में आकर पिटाई करने से उसकी मौत हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों उपायुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजते हुए आलाकत्ल बरामद कर लिया गया है। 

इस संबंध में नशा मुक्ति केंद्र का सच एक दूसरे युवक अर्जुन यादव जो वहां नशा की मुक्ति के लिए भर्ती हुआ था। करीब 5 माह पूर्व केंद्र से लौटा है, ने खुलासा किया। नशा मुक्ति केंद्र में बसही निवासी 35 वर्षीय तौसीफ आलम की मौत के बाद अपने दर्द को छिपा कर बैठे अर्जुन ने नशा मुक्ति केंद्र की असलियत बयाँ किया। बताया कि किसी से कुछ भी बताने पर वह और पिटाई की धमकी देते हैं। 
अर्जुन ने नशा मुक्ति के नाम पर इलाज के बहाने पिटाई किए जाने का आरोप लगाया। बताया कि उसे माँ ने सिविल लाइन स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। यह लोग 10 माह के कोर्स की बात करते हैं। इस दौरान उसे जमीन पर लेटा कर यातना दी गई। इलाज के नाम पर उसे 700-800 लाठी मारा गया। उसका एक हाथ टूट गया है। बर्बर पिटाई के निशान आज भी उसके तन पर हैं। वहां से मिली धमकी और परिवार में पड़े शादी के कारण अब तक चुप रहा। लेकिन तौसीफ की मौत से वह हिल गया। 

REPORTED BY - ANAND TIWARI

PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR