एआईएमआईएम ने राष्ट्रपति से की यूपी सरकार बर्खास्त करने की मांग
AIMIM कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि 26 सितंबर 2025 को बरेली में हुई हिंसा के दौरान प्रशासन ने शासन के निर्देश पर निर्दोष मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों पर बर्बर लाठियां चलाईं, घरों में तोड़फोड़ की और कई लोगों को जबरन थाने ले जाकर प्रताड़ित किया गया।

रायबरेली/जनमत न्यूज़। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने उत्तर प्रदेश में बढ़ती धार्मिक हिंसा और प्रशासनिक दमन के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि प्रदेश में अब “न्याय का दूसरा नाम लाठी और बुलडोजर” बन चुका है।
ज्ञापन में AIMIM कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि 26 सितंबर 2025 को बरेली में हुई हिंसा के दौरान प्रशासन ने शासन के निर्देश पर निर्दोष मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों पर बर्बर लाठियां चलाईं, घरों में तोड़फोड़ की और कई लोगों को जबरन थाने ले जाकर प्रताड़ित किया गया।
पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को “अमर्यादित, असंवैधानिक और निंदनीय” बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का रुख न्याय के बजाय प्रतिशोध की भावना को दर्शाता है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि फतेहपुर और आगरा सहित कई जिलों में भाजपा और उससे जुड़े संगठनों द्वारा की गई सुनियोजित हिंसा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यह साफ होता है कि शासन नफरती ताकतों को संरक्षण दे रहा है।
AIMIM ने महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार को संविधानसम्मत शासन चलाने का निर्देश दिया जाए, और यदि ऐसा संभव न हो तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने पर विचार किया जाए।