सत्ताधारी विधायक के गुर्गों पर अवैध कब्जे का आरोप
उत्तर प्रदेश सरकार भू-माफिया और अवैध कब्जों के खिलाफ एंटी भू-माफिया अभियान चलाकर पीड़ितों को न्याय दिलाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर मैनपुरी में यह दावे पूरी तरह फेल होते नजर आ रहे हैं।

मैनपुरी/जनमत न्यूज। एक ओर जहां उत्तर प्रदेश सरकार भू-माफिया और अवैध कब्जों के खिलाफ एंटी भू-माफिया अभियान चलाकर पीड़ितों को न्याय दिलाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर मैनपुरी में यह दावे पूरी तरह फेल होते नजर आ रहे हैं। मामला थाना किशनी क्षेत्र के ग्राम शमशेर गंज का है।
यहां की रहने वाली मोहनी दुबे, उनकी मां और चार बहनों ने सत्ताधारी विधायक के रिश्तेदारों पर उनकी पैतृक भूमि गाटा संख्या 2515 पर जबरिया कब्जा करने, प्लॉटिंग कर सीमेंट की बाउंड्री बनाकर बिक्री का बोर्ड लगाने का गंभीर आरोप लगाया है।
पीड़ित मोहनी दुबे ने बताया कि उनके पिता स्व. अरुण कुमार दुबे के निधन के बाद कोई भाई न होने के कारण वह चार बहनें और मां ही इस संपत्ति की हकदार हैं। आरोप है कि चाची रेखा दुबे व उनके पुत्र हिमांशु दुबे ने तहसील कर्मी मुकेश अवस्थी से मिलीभगत कर फर्जी वसीयत दिखाकर कब्जा कराया। जब बहनों को जानकारी हुई तो खेत में खड़ी गेहूं की फसल काट दी गई और अन्य फसलें जोत दी गईं।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि कब्जाधारियों को सत्ताधारी विधायक रामनरेश अग्निहोत्री का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। यही नहीं, भू-माफिया श्याम दुबे, संजू मिश्रा और राम प्रताप उक्त भूमि पर खुलेआम प्लॉटिंग कर रहे हैं।
मामला मैनपुरी के न्यायालय के साथ ही उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन है। इसके बावजूद प्रशासन पूरी तरह मूकदर्शक बना हुआ है।
बहनों ने न्याय के लिए कई बार जिले के अधिकारियों एवं संस्कृत व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह तक गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थक हारकर पीड़ित बहनें सपा विधायक बृजेश कठेरिया के पास पहुंचीं और रो-रोकर न्याय दिलाने की मांग की।
मीडिया से बात करते हुए पीड़ित बहनों ने ऐलान किया कि “अगर अब भी हमें न्याय न मिला, तो हम मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचकर पूरे परिवार के साथ जहर खाकर आत्महत्या करेंगे।”
यह मामला शासन-प्रशासन की कार्यशैली और सरकार के एंटी भू-माफिया अभियान पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अब देखना यह है कि बहनों की गुहार और सपा विधायक की पहल के बाद प्रशासन जागता है या फिर यह परिवार आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाने को मजबूर होता है।