बिहार के नतीजों के बाद BJP का बड़ा एक्शन, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह छह साल के लिए निलंबित

भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व अधिकारी आर के सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

बिहार के नतीजों के बाद BJP का बड़ा एक्शन, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह छह साल के लिए निलंबित
Published By- Diwaker Mishra Reported By- Acharya Abhishek Bhatt Astrologer Vastu Shastri Numerologist

पटना/जनमत न्यूज़। बिहार चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व अधिकारी आर के सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। आरा लोकसभा सीट से पूर्व सांसद आर के सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। भाजपा ने एक पत्र के जरिए उनसे पूछा है कि उन्हें पार्टी से क्यों न निष्कासित किया जाए?

आरके सिंह को फिलहाल पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। पार्टी ने आधिकारिक पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि सिंह की लगातार विवादित और पार्टी-लाइन से परे की गई बयानबाजी को देखते हुए यह कार्रवाई अनिवार्य हो गई थी।

आरके सिंह लगातार लगा रहे थे आरोप

आरके सिंह विगत कई दिनों से NDA नेतृत्व, उम्मीदवारों और बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे थे। उन्होंने न सिर्फ गठबंधन के कुछ उम्मीदवारों की साख पर सवाल उठाए बल्कि सार्वजनिक मंचों से लोगों से अपील की कि ऐसे लोगों को वोट देने से अच्छा है, चुल्लू भर पानी में डूब मरना।इस बयान ने भाजपा के भीतर और बाहर तीखी प्रतिक्रिया पैदा की थी।

सबसे बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ जब उन्होंने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जेडीयू नेता अनंत सिंह और RJD के सूरजभान सिंह को खुलेआम हत्या का आरोपीकहा। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति का अपराधीकरण बढ़ाने वाले ये चेहरे किसी भी तरह जनप्रतिनिधि होने के लायक नहीं हैं।

इसके साथ ही सिंह ने नीतीश सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का आरोप लगाया। उनका दावा है कि अडाणी समूह के साथ किया गया बिजली खरीद समझौता जनता के साथ धोखाहै और इसमें भारी वित्तीय अनियमितताएं छिपी हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अडाणी पावर से 6.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी, जबकि मौजूदा बाजार दर इससे काफी कम है।

सिंह ने सवाल उठाया कि जब यह प्लांट NTPC द्वारा लगाया जाना तय था, और केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा भी हो चुकी थी, तो प्रोजेक्ट को अचानक निजी हाथों में क्यों सौंप दिया गया? यह किसके हित में बदलाव किया गया और किसे फायदा पहुंचाने के लिए, यह सरकार को साफ करना चाहिए।

उन्होंने सोशल मीडिया पर दस्तावेज साझा करते हुए कहा कि NTPC मॉडल में प्रति यूनिट फिक्स चार्ज 2.32 रुपये आता, लेकिन सरकार ने इसे 4.16 रुपये मंजूर कर दिया। यानी प्रति यूनिट 1.84 रुपये का अतिरिक्त बोझ, जो आगे चलकर हजारों करोड़ की अनियमितताओं का कारण बनेगा। आरके सिंह ने लिखा—“चोरी और सीना जोरी साथ नहीं चल सकती। भ्रष्टाचार पर चुप रहना हमारे संस्कार में नहीं है।

भाजपा का कहना है कि पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने और गठबंधन नेतृत्व पर बार-बार हमला करने के कारण उनकी सदस्यता समाप्त की गई। चुनावी जीत के उत्साह के बीच यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में नया तनाव पैदा कर गया है।