जिंदा को मुर्दा घोषित कर रोकी पेंशन, लाचार वृद्ध जिंदा होने का सबूत लिए दफ्तरों का लगा रहा चक्कर
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक बार फिर चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक जीवित बुजुर्ग को जिम्मेदारों ने मृत घोषित कर दिया।

कौशांबी/जनमत न्यूज। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक बार फिर चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक जीवित बुजुर्ग को जिम्मेदारों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके चलते वह अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर काट काट कर अपने जिंदा होने का सबूत दे रहा है। फिर भी जिम्मेदारों की आंखों का पानी इतना मर चुका है कि कोई भी उसे जिंदा मानने को तैयार नहीं है। जिंदा को मुर्दा करने का जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी विकासखंड मंझनपुर से कुछ ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया था जहां एक बुजुर्ग महिला को मृत घोषित कर उसकी पेंशन रोक दी गई थी।
बतादें कि यह ताजा मामला विकासखंड कड़ा से निकल कर सामने आया है जहां सैयदराजेपुर ग्राम सभा के रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग अमर सिंह यादव को मिल रही वृद्धा पेंशन अचानक उनके खाते में आनी बंद हो गई इसके बाद उन्होंने जब इसकी जानकारी ली तो पता चला कि उन्हें तो जिम्मेदारों ने सरकारी कागजों में मुर्दा घोषित कर दिया है। और इसके बाद से लगातार बुजुर्ग अमर सिंह यादव अपने जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है। बुजुर्ग अमर सिंह यादव की मानें तो बीते दो वर्षों से सरकारी महकमा उन्हें मृत घोषित कर उनकी वृद्धा पेंशन रोक दी है। जिसके बाद से लगातार वह दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही। बुजुर्ग का कहना है कि कई बार विकासखंड से लेकर विकास भवन तक का वह चक्कर लगा चुके किंतु जिम्मेदारों को उनपर कोई तरस नहीं आ रहा है।
वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर एसडीएम सिराथू योगेंद्र कुमार गौड़ का कहना है कि मामले की जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।