इजरायल की सेना में बगावत के सुर, गोलानी ब्रिगेड ने मांगी शांति

गाज़ा में जारी युद्ध और बंधकों की रिहाई में हो रही देरी को लेकर इजरायली सेना के भीतर असहमति तेजी से उभर कर सामने आ रही है।

इजरायल की सेना में बगावत के सुर, गोलानी ब्रिगेड ने मांगी शांति
Published By: Satish Kashyap

देश/विदेश (जनमत):गाज़ा में जारी युद्ध और बंधकों की रिहाई में हो रही देरी को लेकर इजरायली सेना के भीतर असहमति तेजी से उभर कर सामने आ रही है। अब खुद इजरायल के जाने-माने सैन्य दस्ते गोलानी ब्रिगेड ने सरकार को खुली चुनौती दी है। एक पत्र जारी कर सैनिकों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से अपील की है— “इस युद्ध को अब खत्म करो और हमारे लोगों को घर वापस लाओ।”

यह विरोध महज एक ब्रिगेड तक सीमित नहीं रहा। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले इजरायली एयरफोर्स के 1000 रिजर्व पायलट, 200 से ज्यादा सैन्य डॉक्टर, और नौसेना व आर्मर्ड कोर के अधिकारी भी ऐसी ही याचिकाओं पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।

इस अभूतपूर्व असहमति ने इजरायली सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। नेतन्याहू सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि इस तरह के विरोध पत्रों पर दस्तखत करने वाले सैनिकों को सेवा से निष्कासित किया जा सकता है।

वहीं दूसरी ओर, इस पूरे घटनाक्रम के बीच हमास ने भी संकेत दिए हैं कि वह एक नए संघर्षविराम प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। हालांकि उसने यह साफ कर दिया है कि हथियार डालने का सवाल ही नहीं उठता।

गाज़ा में भीषण मानवीय संकट

गाज़ा में युद्ध का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। अब तक 50,983 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1,16,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। अक्टूबर 2023 में हमास के हमले में 1,139 इजरायली जान गंवा चुके हैं और 200 से अधिक बंधक बनाए गए थे।

वहीं संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अब हालात वेस्ट बैंक में भी तेजी से बिगड़ रहे हैं। जनवरी और फरवरी 2025 में ही यहां 44,000 से ज्यादा लोग अपने घर छोड़कर शरण लेने पर मजबूर हुए, जिनमें से अधिकतर उत्तर के संघर्षग्रस्त इलाकों से हैं।

UN ने चेतावनी दी है: "अगर हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो वेस्ट बैंक भी अगला गाज़ा बन सकता है।"