बलरामपुर: थाने की जमीन पर बने अवैध मजार पर चला बुलडोजर, राजस्व व पुलिस टीम की संयुक्त कार्रवाई

उप्र के बलरामपुर जनपद के थाना सादुल्लानगर परिसर की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ सोमवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की।

बलरामपुर: थाने की जमीन पर बने अवैध मजार पर चला बुलडोजर, राजस्व व पुलिस टीम की संयुक्त कार्रवाई
Published By- Diwaker Mishra

बलरामपुर से गुलाम नबी कुरैशी की रिपोर्ट

बलरामपुर/जनमत न्यूज़। उप्र के बलरामपुर जनपद के थाना सादुल्लानगर परिसर की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ सोमवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। राजस्व और पुलिस टीम की मौजूदगी में वर्षों से खड़ी अवैध मजार को बुलडोजर से ध्वस्त कर मलबे को सरकारी तालाब में दफन कर दिया गया। कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। यह जमीन पिछले 12 साल से विवादों में चल रही थी और इसे भू-माफियाओं द्वारा कब्जाए जाने का मामला रहा है।

2013 में शुरू हुआ कब्जे का विवाद

थाना सादुल्लानगर परिसर की गाटा संख्या 696, रकबा 2.16 एकड़ भूमि सरकारी अभिलेखों में थाने की जमीन के रूप में दर्ज है। लेकिन वर्ष 2013 में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाई मारूफ अनवर हाशमी को मजार का प्रबंधक बनाकर थाने की करीब 0.18 एकड़ भूमि को फर्जी तरीके से मजार शरीफ बाबा सहीदे मिल्लत अब्दुल कुद्दूश शाह रहमतुल्लाह अलैहके नाम दर्ज करा लिया। दस्तावेज तैयार होने के बाद यहां भव्य मजार का निर्माण भी करा दिया गया, जबकि जमीन थाना परिसर की थी।

थाने की पैरवी पर एसडीएम कोर्ट ने कब्जा निरस्त किया

अवैध कब्जे की जानकारी मिलने के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा दाखिल कर मामला उठाया गया। पुलिस की लगातार पैरवी और दस्तावेजों की जांच के बाद उपजिलाधिकारी उतरौला ने 19 मार्च 2024 को बड़ा आदेश जारी किया। अदालत ने फर्जी दस्तावेज रद्द करते हुए विवादित जमीन को फिर से थाने की भूमि के रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया।

इसी दौरान फर्जी कागजों पर सरकारी संपत्ति हड़पने के आरोप में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी, मारूफ अनवर हाशमी व अन्य के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 120B भादवि और 2/3 गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि यह पूरा प्रकरण सुनियोजित तरीके से सरकारी भूमि हड़पने का प्रयास था।

वाद आयुक्त के यहां भी खारिज हुआ दावा

एसडीएम कोर्ट के आदेश के बाद मजार प्रबंधन से जुड़े लोगों ने इसे चुनौती देते हुए देवीपाटन मंडल के वाद आयुक्त के यहां वाद दाखिल किया। लेकिन 28 नवंबर 2025 को सुनवाई के बाद वाद आयुक्त ने भी मुकदमा खारिज कर दिया। इतना ही नहीं, पहले से लागू निगरानी/स्थगन आदेश भी तुरंत समाप्त कर दिया गया और फाइल वापस भेज दी गई। इससे प्रशासन को जमीन खाली कराने का रास्ता साफ हो गया।

तहसीलदार ने जारी किया बेदखली आदेश, दो दिन की मोहलत

थानाध्यक्ष द्वारा अवैध निर्माण हटाने के लिए तहसीलदार उतरौला से लिखित अनुरोध किया गया। इसके बाद तहसीलदार ने 28 नवंबर 2025 को बेदखली और क्षतिपूर्ति का आदेश जारी किया। अवैध कब्जेदारों को नोटिस देकर दो दिन का समय दिया गया, लेकिन निर्धारित समय में आदेश का अनुपालन नहीं हुआ।

1 दिसंबर को चला बुलडोजर, मलबा तालाब में दफन

समय सीमा पूरी होने के बाद सोमवार सुबह प्रशासनिक टीम थाने की जमीन पर पहुंची। राजस्व विभाग, तहसीलदार, पुलिस बल और अधिकारियों की निगरानी में अवैध मजार को बुलडोजर से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। इसके बाद मलबे को पास के सरकारी तालाब में दफन कर दिया गया।

12 साल बाद कब्जा मुक्त-प्रशासन ने कहा, अवैध कब्जे नहीं चलेंगे

लगभग 12 वर्ष से थाने की जमीन जिस कब्जे के कारण विवाद में थी, वह अब पूरी तरह मुक्त हो चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।