प्रशासन की रोक के बावजूद भाकपा (माले) का प्रतिरोध मार्च, गरीबों की जमीन बांटने की उठी मांग
प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं का कहना था कि बैराठ फॉर्म की जमीन लंबे समय से दबंगों के कब्जे में है और गरीबों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।

चंदौली/जनमत न्यूज। चकिया तहसील क्षेत्र के शिकारगंज स्थित बैराठ फॉर्म की जमीन को लेकर एक बार फिर बड़ा विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला। भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की रोक के बावजूद प्रतिरोध मार्च निकाला और गरीबों की जमीन बांटने की जोरदार मांग उठाई।
इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और जमकर नारेबाजी की। प्रशासन ने मार्च निकालने पर रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बावजूद कार्यकर्ताओं ने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं का कहना था कि बैराठ फॉर्म की जमीन लंबे समय से दबंगों के कब्जे में है और गरीबों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
भाकपा (माले) नेता अनिल पासवान ने आरोप लगाया कि पुलिस बल का इस्तेमाल करके गरीबों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक बैराठ फॉर्म की जमीन गरीबों में नहीं बंटती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों ने राजा के पक्ष में आए 2018 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की भी मांग की। उनका कहना है कि यह फैसला गरीबों के हितों के खिलाफ है और इससे दबंगों के कब्जे को और बढ़ावा मिला है।
धरनारत कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन ने उनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं की तो आंदोलन और भी उग्र किया जाएगा।
बता दें कि शिकारगंज बैराठ फॉर्म की जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। एक ओर गरीबों का कहना है कि यह जमीन उन्हें मिलनी चाहिए, वहीं दूसरी ओर दबंग तत्वों पर कब्जा जमाने का आरोप लगाया जाता रहा है।