एटा/जनमत न्यूज। जिले के जलेसर कस्बे में घुंघरू और घंटी कारोबार से जुड़े कारीगरों और व्यापारियों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। जीएसटी विभाग की छापेमारी से परेशान होकर मंगलवार को दर्जनों कारीगर और कारोबारी एटा के जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह के कैंप कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपते हुए छापेमारी को उत्पीड़न करार दिया और कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
उद्योग व्यापार मंडल कंछल गुट के जिलाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों कारीगरों और व्यापारियों ने जीएसटी टीम पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी पिछले कई दिनों से रात-बिरात घरों में घुसकर छापेमारी कर रहे हैं। इससे हजारों परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उत्पीड़न नहीं रुका तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
प्रसिद्ध घुंघरू घंटी कारोबारी आदित्य मित्तल ने बताया कि जलेसर से निर्मित घंटे अयोध्या, केदारनाथ, बद्रीनाथ और जगन्नाथपुरी जैसे पवित्र मंदिरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केदारनाथ में जलेसर का बना घंटा चढ़ाया था। उन्होंने कहा कि यह कारोबार शुद्ध कारीगरी है, जिसे उत्तर प्रदेश शासन ने ओडीओपी योजना में शामिल किया है। बावजूद इसके कारीगरों को बड़े कारोबारी बताकर छापेमारी की जा रही है।
कारीगरों का कहना है कि जीएसटी अधिकारी जब चाहे घरों में घुस जाते हैं, जबकि यह छोटे पैमाने की कारीगरी है। कारीगरों ने सुझाव दिया कि यदि संदेह हो तो घुंघरू और घंटी की सप्लाई के दौरान गाड़ियों को रोककर दस्तावेज जांचे जा सकते हैं।
डीएम प्रेमरंजन सिंह ने ज्ञापन लेने के बाद आश्वासन दिया कि कारीगरों की समस्याओं को शासन तक पहुंचाया जाएगा।
गौरतलब है कि जलेसर क्षेत्र में करीब एक हजार से ज्यादा छोटे-बड़े कारोबारी और कारीगर हैं, जिनकी भट्टियां पिछले कई दिनों से ठप पड़ी हैं। कारीगरों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक जीएसटी विभाग की छापेमारी पर रोक नहीं लगती, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।