ऊंचाहार में टोल प्लाजा के पास अंधाधुंध फायरिंग, एक आरोपी पकड़ा गया, पुलिस की गैरमौजूदगी पर सवाल
चार दबंगों ने टोल प्लाजा के पास चाय की दुकान पर रंजिश के चलते अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहशत में आ गया, जबकि घटना के दौरान पुलिस कहीं नजर नहीं आई। ग्रामीणों की हिम्मत से हालात काबू में आए, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

रायबरेली/जनमत न्यूज। ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार रात कानून व्यवस्था की बड़ी पोल खुल गई, जब चार दबंगों ने टोल प्लाजा के पास चाय की दुकान पर रंजिश के चलते अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहशत में आ गया, जबकि घटना के दौरान पुलिस कहीं नजर नहीं आई। ग्रामीणों की हिम्मत से हालात काबू में आए, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
बतादें कि बिकई गांव निवासी दलित महेंद्र कुमार सरोज पिछले 10 वर्षों से चड़रई टोल प्लाजा पर चाय की दुकान चला रहे हैं। मंगलवार शाम उन्होंने पड़ोस के एक युवक को दुकान पर बेवजह बैठने से रोका, तो विवाद हो गया। युवक का भाई आया, गाली-गलौज के बाद धमकी देकर चला गया। रात करीब 10 बजे धमकी सच साबित हुई—वही युवक तीन साथियों संग असलहा लेकर लौटा, दुकान पर हमला किया और कई राउंड फायरिंग कर दी।
हमले के दौरान पहले मारपीट हुई, फिर गोलियों की बौछार से इलाके में दहशत फैल गई। ग्रामीण मदद के लिए दौड़े, तो बदमाश भागने लगे। इस दौरान एक हमलावर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। मौके से एक बाइक, खोखे और जिंदा कारतूस बरामद हुए।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि वारदात के दौरान पुलिस कहां थी। न तो कोई गश्ती वाहन मौके पर दिखा, न ही आस-पास तैनाती थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की गैरमौजूदगी ने हमलावरों के हौसले और बढ़ा दिए। कोतवाल संजय कुमार ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर मिल गई है और मामले की जांच चल रही है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।