राज्यों में SIR के काम में 'बाधा' पर SC सख्त; कहा- EC संज्ञान में लाए, हम पारित करेंगे आदेश
उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में मतदाता सूची के SIR के काम में कथित तौर पर बाधा डालने की घटनाओं को गंभीरता से लिया है।
नई दिल्ली/जनमत न्यूज़। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को धमकाने के अलावा चुनाव आयोग की तरफ से कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के काम में कथित तौर पर बाधा डालने की घटनाओं को गंभीरता से लिया है। अदालत ने एक मामले की सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सहयोग की कमी को गंभीरता से लेने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- इससे अराजकता हो सकती है
सर्वोच्च अदालत ने कहा, अगर हालात और बिगड़ते हैं तो पुलिस तो तैनात करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि उनके पास सभी सांविधानिक शक्तियां हैं, जिससे हम बीएलओ और अन्य अधिकारियों को धमकाने की घटनाओं से डील कर सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे निपटें वरना इन हालातों से अराजकता हो सकती है।
EC ने WB में SIR के लिए नियुक्त किए पांच IAS अधिकारी
चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के SIR के कामकाज की निगरानी के लिए पांच वरिष्ठ IAS अधिकारियों को स्पेशल रोल ऑब्जर्वर (SRO) नियुक्त किया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
जिन अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, उनमें रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव कुमार रवि कांत सिंह को प्रेसिडेंसी संभाग के लिए SRO बनाया गया है, जबकि गृह मंत्रालय के नीरज कुमार बांसोद को मेदिनीपुर संभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कृष्ण कुमार निराला बर्दवान संभाग के लिए SRO होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया कि SRO की नियुक्ति से सभी संभागों में SIR प्रक्रिया की जांच मजबूत होगी। राज्य में मतदाता सूचियों का SIR 4 नवंबर को शुरू हुआ था। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।

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