धान की खेती में नई क्रांति: गेहूं की तरह सीधी लाइन से बोआई से घटेगी लागत, उपज रहेगी समान

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए धान की सीधी लाइन से बोआई को बढ़ावा दे रही है।

धान की खेती में नई क्रांति: गेहूं की तरह सीधी लाइन से बोआई से घटेगी लागत, उपज रहेगी समान
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

लखनऊ/जनमत न्यूज। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए धान की सीधी लाइन से बोआई को बढ़ावा दे रही है। इससे नर्सरी, पलेवा और रोपाई जैसे खर्चों की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे प्रति हेक्टेयर करीब 12,500 रुपये तक की लागत घटती है, और उपज भी परंपरागत तरीके जितनी ही होती है।

मुख्य बातें:

  • 50% अनुदान: योगी सरकार किसानों को लाइन से बोआई करने वाले कृषि यंत्रों जैसे जीरो सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर आदि पर 50% तक का अनुदान देती है।

  • खर्च में कटौती: नर्सरी, खेत की बार-बार तैयारी, रोपाई, पलेवा, सिंचाई में पानी और समय की बचत।

  • सही समय: 10 से 20 जून सीधी बोआई के लिए सबसे उपयुक्त समय है।

  • बाढ़ वाले क्षेत्र: बाढ़ संभावित क्षेत्रों में जल्दी बोआई करें, ताकि जड़ें मजबूत हो सकें।

  • खेत की लेवलिंग: बोआई से पहले खेत को लेजर लेवलर से समतल करना जरूरी है। इससे समान बोआई और कम सिंचाई की जरूरत होती है।

बीज व खाद की मात्रा:

प्रकार बीज मात्रा (प्रति हेक्टेयर)
महीन धान 25 किग्रा
मध्यम/मोटे दाने 35 किग्रा
संकर प्रजातियां 8 किग्रा
  • खाद का अनुपात: NPK = 150:60:60 किलो/हेक्टेयर

  • 130 किलो डीएपी का प्रयोग बोआई के समय करें।

  • बीज उपचार: 3 ग्राम कार्बेडाजिम प्रति किलो बीज से करें।

खरपतवार नियंत्रण:

  1. बोआई के 24 घंटे बादपैडी मिथिलीन 30 ईसी, 3.3 लीटर/हेक्टेयर, 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव।

  2. बुवाई के 25 दिन बादनोमिनी गोल्ड/एडोरा, 100 मिली/एकड़।

  3. मोथा नियंत्रणसनराइस (इथोक्सी सल्फ्यूरान), 50–60 ग्राम सक्रिय तत्व/हेक्टेयर।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं:

गोरखपुर के केवीके बेलीपार प्रभारी डॉ. एस के तोमर व मनोज कुमार के मुताबिक, “सीधी बोआई से उपज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यदि तकनीक सही अपनाई जाए तो उत्पादन और भी बढ़ सकता है।”