चौक कला गांव पर मंडराया अस्तित्व का संकट, राप्ती नदी के कटान से पंचायत भवन तक खतरे में

राप्ती नदी के तेज कटान ने पूरे गांव को खतरे के निशाने पर ला दिया है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि पंचायत भवन अब नदी से मात्र 100 फीट की दूरी पर बचा है और कभी भी नदी की धारा में समा सकता है। कई परिवारों की खेती-किसानी पहले ही नदी में समा चुकी है।

चौक कला गांव पर मंडराया अस्तित्व का संकट, राप्ती नदी के कटान से पंचायत भवन तक खतरे में
REPORTED BY - GULAM NABI, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

बलरामपुर/जनमत न्यूज। जनपद मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर दूर स्थित चौक कला गांव आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। राप्ती नदी के तेज कटान ने पूरे गांव को खतरे के निशाने पर ला दिया है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि पंचायत भवन अब नदी से मात्र 100 फीट की दूरी पर बचा है और कभी भी नदी की धारा में समा सकता है। कई परिवारों की खेती-किसानी पहले ही नदी में समा चुकी है।

ग्रामीणों का आरोप है कि इस संकट की असली वजह बाढ़ खंड और जिला प्रशासन की घोर लापरवाही है। करोड़ों रुपए खर्च कर गांव को बचाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कार्य आधा-अधूरा और भ्रष्टाचार से ग्रस्त होने के कारण नाकाम साबित हो गया। लोगों का कहना है कि जब गांव बचाने का समय था, तब अधिकारी उदासीन बने रहे, और अब जब हालात भयावह हो गए हैं, तब विभाग हरकत में आया है।

मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों से ग्रामीणों ने अपना आक्रोश जाहिर किया। उनका कहना था कि बाढ़ खंड द्वारा केवल दिखावटी काम किया गया। यदि समय रहते मजबूत बांध और सुरक्षा दीवार बनाई गई होती, तो आज गांव इस संकट का सामना नहीं कर रहा होता। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह गईं।

इस समय ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है। लोग अपने घरों और जमीन को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। कटान लगातार बढ़ रहा है और किसी भी वक्त पूरा गांव नदी में समा सकता है।

इस मामले पर जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा कि बाढ़ खंड द्वारा लगातार कार्य कराया जा रहा है। यदि कहीं लापरवाही या भ्रष्टाचार की शिकायत मिलेगी तो जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने बहुत देर से कदम उठाया है, अब हालात संभालना मुश्किल हो रहा है।

यह संकट न केवल बाढ़ खंड की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि भ्रष्टाचार और लापरवाही की पोल भी खोलता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही ठोस और ईमानदारी से कदम नहीं उठाए गए, तो चौक कला गांव नक्शे से मिट जाएगा।