देवबंद में फर्जी दस्तावेजों के जरिए रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को मिली सात-सात वर्ष की सजा
देवबंद कस्बे में अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को अदालत ने सात-सात वर्ष की सजा सुनाई है। दोषियों में शामिल हबीबुल्लाह मिस्बाह उर्फ नाजिर पर ₹70,000 तथा अहमदुल्लाह उर्फ अब्दुल अवल पर ₹60,000 का अर्थदंड भी लगाया गया है।

सहारनपुर/जनमत न्यूज। देवबंद कस्बे में अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को अदालत ने सात-सात वर्ष की सजा सुनाई है। दोषियों में शामिल हबीबुल्लाह मिस्बाह उर्फ नाजिर पर ₹70,000 तथा अहमदुल्लाह उर्फ अब्दुल अवल पर ₹60,000 का अर्थदंड भी लगाया गया है।
देवबंद पुलिस और एटीएस को इन दोनों संदिग्धों की लंबे समय से तलाश थी। इनका संबंध भोपाल में गिरफ्तार किए गए शहादत हुसैन की पत्नी को धन उपलब्ध कराने से जोड़ा गया था।
सूचना के आधार पर 19 जुलाई 2023 को देवबंद हाईवे के पिलर नंबर-34 से दोनों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि दोनों बांग्लादेश के निवासी हैं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिक बनकर देवबंद के खानकाह क्षेत्र में रह रहे थे। उनके पास से बांग्लादेश की पहचान-पत्र भी बरामद की गई।
विवेचना उपरांत मामला अदालत में प्रस्तुत किया गया। अपर सिविल जज एवं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देवबंद की अदालत ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोनों को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया।
मामले में अभियोजन पक्ष ने कुल नौ गवाह प्रस्तुत किए। करीब 100 से अधिक तारीखों के बाद दो वर्ष के भीतर न्यायालय ने यह ऐतिहासिक निर्णय सुनाया। मामले की पैरवी अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार ने की।