होर्मुज जलडमरूमध्य को लेकर खतरे की आशंका, तेल 90 डॉलर पार कर सकता है – सिटीग्रुप और गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट

तेल बाजार में एक बार फिर उथल-पुथल तेज हो गई है। ब्रेंट क्रूड की कीमत फिलहाल करीब 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है

होर्मुज जलडमरूमध्य को लेकर खतरे की आशंका, तेल 90 डॉलर पार कर सकता है – सिटीग्रुप और गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट
Published By: Satish Kashyap

Business News:तेल बाजार में एक बार फिर उथल-पुथल तेज हो गई है। ब्रेंट क्रूड की कीमत फिलहाल करीब 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात बिगड़े तो यह तेजी से 90 डॉलर के स्तर को छू सकता है।

इस बढ़ती चिंता की वजह है होर्मुज जलडमरूमध्य – दुनिया के सबसे व्यस्त और संवेदनशील तेल रूट में से एक। सिटीग्रुप बैंक की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अगर ईरान इस मार्ग को बंद करता है, तो इससे वैश्विक सप्लाई चेन पर गंभीर असर पड़ेगा, और एशियाई देशों में हड़कंप मच सकता है।

होर्मुज जलडमरूमध्य ईरान और ओमान के बीच स्थित है, और यहां से हर दिन लगभग 2 करोड़ बैरल कच्चा तेल गुजरता है – जो विश्व की कुल तेल खपत का लगभग 20% हिस्सा है। सऊदी अरब, ईरान, इराक और कतर जैसे तेल उत्पादक देशों के लिए यह मार्ग एशिया और यूरोप तक आपूर्ति का मुख्य जरिया है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान अतीत में कई बार इस मार्ग को बंद करने की धमकी दे चुका है, खासकर तब जब पश्चिमी देशों के साथ उसका तनाव बढ़ा हो या इजरायल से रिश्ते बिगड़े हों। वर्तमान में ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष और अमेरिका द्वारा कड़ी चेतावनी के बाद यह आशंका फिर से सिर उठा रही है।

अगर होर्मुज रास्ता बंद हुआ, तो वैश्विक तेल आपूर्ति में 30 लाख बैरल प्रतिदिन की गिरावट हो सकती है। इस स्थिति में तेल की कीमतों में 15% से 20% तक उछाल आने की संभावना जताई गई है। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में भी यही चेतावनी दी गई है कि ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर से ऊपर निकल सकता है।

इसका सबसे अधिक असर एशियाई देशों जैसे भारत, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया पर पड़ेगा, जो अपनी तेल ज़रूरतों का 70% हिस्सा इसी रूट से पूरा करते हैं।

हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं टिकेगी। अमेरिकी नौसेना का 5वां बेड़ा, जो बहरीन में तैनात है, होर्मुज को खुला रखने के लिए किसी भी सैन्य कदम के लिए तैयार है। इसके अलावा सऊदी अरब और यूएई के पास वैकल्पिक पाइपलाइनें मौजूद हैं, जिनसे प्रतिदिन 26 लाख बैरल तेल भेजा जा सकता है – हालांकि यह पूरी सप्लाई के मुकाबले बहुत कम है।

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि ईरान खुद भी होर्मुज पर निर्भर है। उसे अपने प्रमुख ग्राहक चीन को तेल भेजने के लिए इस रास्ते का उपयोग करना ही पड़ता है। इसलिए यह संभावना कम है कि ईरान लंबे समय तक इस मार्ग को बंद रखेगा, क्योंकि ऐसा करने से खुद उसकी अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगेगा।

सिटीग्रुप के विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि तनाव और बढ़ा, तो कुछ सप्ताह के लिए तेल की कीमतें 90 डॉलर तक पहुंच सकती हैं, लेकिन फिर धीरे-धीरे स्थिरता आ सकती है। वहीं गोल्डमैन सैक्स की चेतावनी है कि यदि ईरान के निर्यात का आधा हिस्सा भी रुकता है, तो ब्रेंट क्रूड 85 डॉलर तक पहुंच सकता है।