KGMU की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद को मिला पद्मश्री पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में किया सम्मानित | चिकित्सा क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए मिला देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान

लखनऊ/नई दिल्ली(जनमत):- किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद को चिकित्सा क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
प्रो. सोनिया नित्यानंद उत्तर प्रदेश की पहली महिला चिकित्सक हैं, जिन्होंने बोन मैरो ट्रांसप्लांट (हड्डी मज्जा प्रत्यारोपण) सफलतापूर्वक किया। इस क्षेत्र में उनका योगदान न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बना है। चिकित्सा अनुसंधान, शिक्षा और सेवाओं में उनके उत्कृष्ट कार्यों ने उन्हें चिकित्सा जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।
प्रो. नित्यानंद चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में एक समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। उनके पिता, प्रख्यात चिकित्सक डॉ. नित्यानंद को भी पूर्व में पद्म पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इस प्रकार, प्रो. सोनिया नित्यानंद एक ऐसी विरासत का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसमें सेवा, समर्पण और उत्कृष्टता की परंपरा रही है।
तीन प्रमुख संस्थानों का प्रतिनिधित्व
प्रो. सोनिया नित्यानंद ने KGMU के साथ-साथ डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनके नेतृत्व और शोध कार्यों ने इन संस्थानों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ाई है।
चिकित्सा शिक्षा और शोध की दिशा में अग्रणी भूमिका
अपने पूरे करियर में प्रो. नित्यानंद ने चिकित्सा शिक्षा और शोध को प्राथमिकता दी है। उन्होंने अनेक अनुसंधान प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया है, जिनका सीधा लाभ रोगियों को मिला है। छात्र और युवा चिकित्सक उन्हें प्रेरणास्रोत मानते हैं।
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद प्रो. नित्यानंद ने कहा, "यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी सहयोगियों, शिक्षकों और छात्रों का है, जिन्होंने इस यात्रा में मेरा साथ दिया। यह देश सेवा के लिए मेरी प्रतिबद्धता को और भी दृढ़ करता है।"
प्रो. सोनिया नित्यानंद को मिला यह सम्मान न केवल चिकित्सा क्षेत्र के लिए, बल्कि सभी महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा है जो समाज में बदलाव लाने का सपना देखते हैं।