लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे अगस्त में हो सकता है शुरू
लखनऊ और कानपुर को जोड़ने वाला छह लेन का एक्सप्रेसवे लगभग तैयार हो चुका है। निर्माण कार्य का 90 प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया गया है और शेष कार्य जुलाई तक खत्म कर दिए जाने की उम्मीद है...

लखनऊ/ जनमत:लखनऊ और कानपुर को जोड़ने वाला छह लेन का एक्सप्रेसवे लगभग तैयार हो चुका है। निर्माण कार्य का 90 प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया गया है और शेष कार्य जुलाई तक खत्म कर दिए जाने की उम्मीद है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो अगस्त में इसका उद्घाटन किया जा सकता है और यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
62.7 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा, जिसकी लंबाई 17.5 किमी है, एलिवेटेड रोड है, जबकि दूसरा 45.2 किमी का हिस्सा ग्रीनफील्ड रूट से होकर गुजरेगा। परियोजना का उद्देश्य बिना किसी अवरोध के तेज़ गति से सफर की सुविधा देना है, जिससे लखनऊ से कानपुर की यात्रा सवा से डेढ़ घंटे में पूरी की जा सकेगी।
वाहनों के लिए इस एक्सप्रेसवे पर चढ़ने की सुविधा पांच स्थानों पर उपलब्ध होगी—लखनऊ में दो, उन्नाव में दो और कानपुर क्षेत्र में एक स्थान से। अधिकारियों के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की बाधा न हो और वाहन निरंतर तेज गति से चल सकें।
एक्सप्रेसवे की शुरुआत लखनऊ के एयरपोर्ट रोड स्थित कॉमर्शियल चौराहा के पास से होती है और यह नादरगंज, सरोजनीनगर, दरोगा खेड़ा, बंथरा बाजार जैसे इलाकों से होते हुए उन्नाव की सीमा में प्रवेश करता है।
पूरे प्रोजेक्ट की लागत 29,313 करोड़ रुपये है। इसमें एलिवेटेड सेक्शन की लागत 14,300 करोड़ और ग्रीनफील्ड सेक्शन की लागत 15,013 करोड़ रुपये आंकी गई है। पहले सेक्शन में दो बड़े फ्लाईओवर भी शामिल हैं।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक कर्नल शरद सिंह के अनुसार, वाहन केवल निर्धारित स्थानों से ही एक्सप्रेसवे पर चढ़ सकेंगे, जिनमें खंडे देव, बनी, अमरसस, कादर पटरी और कानपुर रिंग रोड शामिल हैं। पूरा प्रबंधन एनएचएआई के अधीन रहेगा।