देशभर में 7 मई को मॉक ड्रिल, केंद्र सरकार ने आतंकी खतरे के बीच बढ़ाई तैयारी

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। इस हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा को लेकर कई हाई लेवल मीटिंग्स कीं।

देशभर में 7 मई को मॉक ड्रिल, केंद्र सरकार ने आतंकी खतरे के बीच बढ़ाई तैयारी
Published By: Satish Kashyap

नई दिल्ली: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। इस हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा को लेकर कई हाई लेवल मीटिंग्स कीं। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देश के 244 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल कराने का बड़ा फैसला लिया है।

माना जा रहा है कि यह मॉक ड्रिल भारत में अब तक की सबसे व्यापक नागरिक सुरक्षा तैयारी है। ‘द सीएसआर जर्नल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आखिरी बार इस स्तर की मॉक ड्रिल 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय की गई थी। उस दौरान नागरिकों को हवाई हमलों से बचाने की ट्रेनिंग दी गई थी।

क्या होगा इस मॉक ड्रिल में खास?

इस बार की मॉक ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट किया जाएगा और आम नागरिकों को सिखाया जाएगा कि ऐसी आपात स्थिति में कैसे सुरक्षित रहें। स्कूल, ऑफिस और घरों में रह रहे लोगों को यह बताया जाएगा कि खतरे की स्थिति में कहां छिपना है, सतर्क कैसे रहना है, और किन सावधानियों से जान बचाई जा सकती है।

इतिहास की याद दिलाता अभ्यास

भारत की यह पहल कई अंतरराष्ट्रीय मॉक ड्रिल्स की याद दिलाती है। 1952 में अमेरिका ने ‘Duck and Cover’ अभियान चलाया था, जिसमें बच्चों को परमाणु हमले की स्थिति में मेज के नीचे छिपना सिखाया गया था। 1980 में ब्रिटेन ने 'Square Leg' नाम से फील्ड एक्सरसाइज की थी, और 1942 में कनाडा में 'If Day' के नाम पर नकली नाजी हमला करके तैयारी कराई गई थी। अब भारत भी इसी तरह के अभ्यास से अपनी सुरक्षा तैयारियों का आकलन करेगा।

सिर्फ औपचारिकता नहीं, गंभीर तैयारी

यह ड्रिल केवल कागजी कार्रवाई नहीं है। इसमें हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली, संचार व्यवस्था, कंट्रोल रूम और वैकल्पिक कमांड सेंटर्स की क्षमताओं की भी जांच की जाएगी। साथ ही स्कूली बच्चों, युवाओं और आम नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति में सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी जाएगी।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय हालात को देखते हुए भारत को कई नई और जटिल सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए नागरिक सुरक्षा की व्यवस्था को परखना अब बेहद जरूरी हो गया है।

पाकिस्तान की गतिविधियों से बढ़ी सतर्कता

ड्रिल से ठीक पहले पाकिस्तान ने 'अभ्यास इंडस' नाम से लगातार दूसरे दिन मिसाइल परीक्षण किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे देश की ‘मजबूत रक्षा प्रणाली’ का प्रदर्शन बताया। इससे यह साफ है कि भारत-पाक के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है।

गांव-गांव तक पहुंचेगी ड्रिल

यह मॉक ड्रिल सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि गांव और कस्बों तक फैलाई जाएगी। इसमें जिला प्रशासन, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवकों और स्कूली छात्रों की भी भागीदारी होगी। इसका उद्देश्य है — हर स्तर पर एकजुट और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता विकसित करना।