पिपरा घाट पुल से लापता मिनी बैंक संचालक की लाश तीसरे दिन नदी में मिली

पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें राप्ती नदी में खोजबीन कर रही थीं। घटना के तीसरे दिन शनिवार को मृतक की लाश सिद्धार्थनगर जिले की सीमा असनहरा के पास राप्ती नदी से बरामद हुई।

पिपरा घाट पुल से लापता मिनी बैंक संचालक की लाश तीसरे दिन नदी में मिली
REPORTED BY - GULAM NABI, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

बलरामपुर/जनमत न्यूज। जिले के गौरा चौराहा थाना क्षेत्र में बुधवार रात से लापता मिनी बैंक संचालक की लाश तीसरे दिन राप्ती नदी से बरामद हुई। मृतक की पहचान विकास पाण्डेय (पुत्र वासुदेव पाण्डेय, निवासी ग्राम पिपरा एडंगा, थाना कोतवाली उतरौला) के रूप में हुई है, जो स्टेट बैंक का मिनी बैंक संचालित करता था।

बुधवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे विकास पाण्डेय बलरामपुर से अपने घर लौट रहे थे। पिपरा घाट पुल पर पहुँचकर उन्होंने अपने दोस्त ज्ञानचंद (निवासी ग्राम कटरा) को फोन कर बताया कि वह नदी पुल पर हैं और कुछ लोग उन्हें नदी में फेंकने की धमकी दे रहे हैं। फोन पर रोते हुए उन्होंने मित्र से तुरंत आने की गुहार लगाई। इसके कुछ देर बाद ही फोन कट गया।

करीब बीस मिनट बाद ज्ञानचंद घटनास्थल पर पहुँचा, लेकिन वहाँ विकास पाण्डेय नहीं मिले। केवल उनकी मोटरसाइकिल पुल पर खड़ी मिली। सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण भी मौके पर पहुँचे और तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद परिजनों ने थाना गौरा चौराहा में तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने जांच शुरू की।

घटना के बाद से लगातार पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें राप्ती नदी में खोजबीन कर रही थीं। घटना के तीसरे दिन शनिवार को मृतक की लाश सिद्धार्थनगर जिले की सीमा असनहरा के पास राप्ती नदी से बरामद हुई। स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय ने बताया कि मामले की जांच गहनता से की जा रही है। सभी संभावित पहलुओं की पड़ताल की जा रही है ताकि घटना की सच्चाई सामने आ सके।

विकास पाण्डेय की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजन बदहवास हालत में रो-रोकर बेहाल हैं। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

यह घटना न केवल अपराध और रहस्य से जुड़ा सवाल खड़ा करती है, बल्कि स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। खुलेआम धमकी मिलने और फिर लापता होकर लाश मिलने से यह आशंका गहराती है कि घटना में किसी बड़े आपराधिक षड्यंत्र की भूमिका हो सकती है। पुलिस के लिए यह चुनौती है कि मामले का सच उजागर कर अपराधियों को बेनकाब करे, ताकि जनता का विश्वास कायम रह सके।