जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रैकेट का भंडाफोड़, CRS पोर्टल हैक कर 200 रुपये में सर्टिफिकेट बनाने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार
हरदोई जिले में फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले बड़े रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो CRS पोर्टल (Civil Registration System) को हैक कर सिर्फ 200-250 रुपये में फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर रहे थे।

हरदोई/जनमत न्यूज। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले बड़े रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो CRS पोर्टल (Civil Registration System) को हैक कर सिर्फ 200-250 रुपये में फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान लखनऊ निवासी अभिषेक गुप्ता, कुशीनगर निवासी धर्मेंद्र मद्धेशिया और बिहार के सहरसा निवासी रूपेश कुमार के रूप में हुई है।
एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि "4 जुलाई 2025 को ग्राम विकास अधिकारी राजीव श्रीवास्तव ने टड़ियावां थाने में शिकायत दर्ज कराई कि किसी ने उनकी CRS पोर्टल की ID हैक कर फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए हैं।" शिकायत मिलते ही साइबर सेल और थाना पुलिस ने जांच शुरू की और कुछ ही दिनों में इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया गया।
बतादें कि धर्मेंद्र मद्धेशिया जनसुविधा केंद्र चलाता था। उससे व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए मुख्य आरोपी अभिषेक गुप्ता ने संपर्क किया। अभिषेक व रूपेश ने CRS पोर्टल की लॉगिन ID उसे ₹10,000 में बेची। इसके बाद धर्मेंद्र 200-250 रुपये में फर्जी जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करने लगा। इन सर्टिफिकेट्स का प्रयोग कई बार पहचान, स्कूल दाखिले, बीमा, उत्तराधिकार और अन्य धोखाधड़ी वाले कार्यों में होता है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 1 लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन, 4 फर्जी प्रमाण पत्र, CRS पोर्टल की यूजर ID और पासवर्ड की कॉपी बरामद किया हैं।
मुख्य आरोपी अभिषेक गुप्ता पर पूर्व में उन्नाव जिले में भी साइबर अपराध का केस दर्ज है। इस गिरोह ने बड़े पैमाने पर प्रमाण पत्र तैयार कर ठगी और पहचान फर्जीवाड़े की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
एसपी नीरज जादौन ने बताया कि सभी आरोपियों पर IT एक्ट, धोखाधड़ी और सरकारी पोर्टल से छेड़छाड़ जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है। CRS पोर्टल जैसे सरकारी सिस्टम में सेंध लगाने की घटनाएं न केवल साइबर सुरक्षा की गंभीर चुनौती हैं बल्कि इससे आमजन के जीवन से जुड़े संवेदनशील दस्तावेजों की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है। पुलिस आम नागरिकों से अपील कर रही है कि अगर उन्हें ऐसे किसी फर्जीवाड़े की जानकारी हो तो तुरंत सूचना दें।