BJP अध्यक्ष के लिए धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव पर RSS की ना, अब कौन होगा अगला अध्यक्ष?

BJP अध्यक्ष पद को लेकर RSS और पार्टी नेतृत्व के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव पर संघ को आपत्ति, नए नाम की तलाश जारी। निर्मला सीतारमण, शिवराज और खट्टर भी रेस में।

BJP अध्यक्ष के लिए  धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव पर RSS की ना, अब कौन होगा अगला अध्यक्ष?
Published By- A.K. Mishra

नई दिल्ली/जनमत न्यूज़: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर पार्टी के भीतर और संघ (RSS) के गलियारों में हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव के नामों को लेकर पार्टी नेतृत्व ने प्रस्ताव भेजा था, लेकिन RSS ने किसी पर भी हामी नहीं भरी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कौन संभालेगा भगवा दल की कमान?

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मानना है कि पार्टी को अब 2029 के बाद के दौर के लिए तैयार करना जरूरी है। इसलिए संगठन ऐसा अध्यक्ष चाहता है जो केवल एक नाममात्र का चेहरा न होकर, मजबूत नेतृत्व देने में सक्षम हो।

RSS नेतृत्व चाहता है कि नया अध्यक्ष ऐसा हो जिसे कार्यकर्ता स्वीकार करें, जिसमें दीर्घकालीन नेतृत्व क्षमता हो, और जो नरेंद्र मोदी के बाद पार्टी को संभाल सके। यही वजह है कि अब तक तीन दौर की बैठकों के बाद भी किसी नाम पर सहमति नहीं बन सकी है।

दोनों ही नामधर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादवगृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। लेकिन संघ का मानना है कि इन नामों में वह दीर्घकालिक नेतृत्व नजर नहीं आ रहा जिसकी उसे तलाश है। यह भी माना जा रहा है कि संघ अब पारंपरिक चुनावी रणनीतिकारों के बजाय संगठनात्मक पकड़ रखने वाले नेताओं को प्राथमिकता दे रहा है।

इससे पहले खबरें थीं कि पार्टी पहली बार किसी महिला नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है। इस सिलसिले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम चर्चा में रहा। हालांकि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ। इसके अलावा मनोहर लाल खट्टर और शिवराज सिंह चौहान जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम भी संभावित दावेदारों में गिने जा रहे हैं।

सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि भाजपा के लिए सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति भी अटकी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, इस मसले पर अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच भी सहमति नहीं बन सकी है।