बीसीसीआई भी सरकारी निगरानी में, खेल विधेयक 2025 लोकसभा से पारित —जानिए क्या बदलेगा
लोकसभा ने खेल विधेयक 2025 और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक पारित कर दिया। अब बीसीसीआई भी सरकारी निगरानी के दायरे में आएगा, राष्ट्रीय खेल बोर्ड और प्राधिकरण का गठन होगा। जानें पूरी जानकारी A से Z तक।

नई दिल्ली/जनमत न्यूज़:- खेल तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से लोकसभा ने सोमवार को राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक-2025 और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक-2025 ध्वनिमत से पारित कर दिए। विपक्ष के हंगामे के बीच पारित इन विधेयकों को खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने आजादी के बाद भारतीय खेल क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार करार दिया।
मुख्य बदलाव — बीसीसीआई भी सरकारी अनुशासन में अब तक पूरी तरह निजी तौर पर संचालित भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को भी सरकारी निगरानी के दायरे में लाया गया है।
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बीसीसीआई को अब हर साल राष्ट्रीय खेल बोर्ड से मान्यता लेनी होगी।
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कानूनी मामलों का निपटारा नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल में होगा।
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हालांकि, बीसीसीआई को RTI के दायरे से बाहर रखा गया है।
खेल विधेयक 2025 की खास बातें
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राष्ट्रीय खेल बोर्ड का गठन — यह सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देगा।
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सरकारी फंड पाने के लिए महासंघों को समय पर चुनाव, पारदर्शी कार्यशैली और धन का सही उपयोग करना होगा।
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गड़बड़ी मिलने पर मान्यता रद्द हो जाएगी।
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खेल प्रशासकों की अधिकतम उम्र सीमा 70 से बढ़ाकर 75 वर्ष की गई।
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राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण बनेगा, जिसके पास अदालत जैसी शक्तियां होंगी — चयन, चुनाव और अन्य विवाद निपटाने का अधिकार।
राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025
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वाडा (WADA) की आपत्तियों को दूर करने के लिए बदलाव।
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नाडा (NADA) को संचालन में पूर्ण स्वतंत्रता।
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राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग बोर्ड बरकरार, लेकिन अधिकार सीमित।
खेल मंत्री ने बताया क "यह ऐतिहासिक बदलाव है, जिससे 2036 ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी को मजबूती मिलेगी और भारत की खेल क्षमता को नया आयाम मिलेगा।" — मनसुख मांडविया