सांसदों की सैलरी 1.24 लाख नहीं, 2.81 लाख होती है – जानिए ब्रेकअप

भारत में संसद सदस्यों की सैलरी अब बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की और बताया कि 1 अप्रैल 2025 से सांसदों को बढ़ी हुई सैलरी मिलनी शुरू हो जाएगी। पहले सांसदों को 1 लाख रुपये प्रति माह वेतन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 1.24 लाख रुपये कर दिया गया है।

सांसदों की सैलरी 1.24 लाख नहीं, 2.81 लाख होती है – जानिए ब्रेकअप

नई दिल्ली (जनमत):भारत में संसद सदस्यों की सैलरी अब बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की और बताया कि 1 अप्रैल 2025 से सांसदों को बढ़ी हुई सैलरी मिलनी शुरू हो जाएगी। पहले सांसदों को 1 लाख रुपये प्रति माह वेतन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 1.24 लाख रुपये कर दिया गया है। 2018 में मोदी सरकार ने यह नियम लागू किया था कि हर पांच साल में सांसदों के वेतन और भत्तों की समीक्षा की जाएगी। इस बार कोस्ट इन्फ्लेशन के आधार पर संसद सदस्यों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

अगर हम 1966 की बात करें, तो उस समय संसद सदस्यों को महज 500 रुपये प्रति माह वेतन मिलता था। समय के साथ महंगाई बढ़ी और सांसदों के वेतन में भी वृद्धि हुई। पिछले 70 वर्षों में संसद सदस्यों की सैलरी में कई बदलाव आए हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि वर्तमान सांसदों के दैनिक भत्ते और उन पूर्व सांसदों की सालाना पेंशन भी बढ़ाई गई है, जिन्होंने 5 साल से अधिक समय तक सेवा दी।

सांसदों की सैलरी का ब्रेकअप:

• अब सांसदों को 1.24 लाख रुपये सैलरी मिलेगी, लेकिन यह पूरी सैलरी 2.81 लाख रुपये तक पहुँच जाती है, आइये देखें इसका ब्रेकअप:
• 1966 में सांसदों को 500 रुपये सैलरी मिलती थी
• कार्यालय खर्च के लिए 75,000 रुपये
• संसद या समितियों की बैठक में भाग लेने पर दैनिक भत्ता 2,000 रुपये से बढ़ाकर अब 2,500 रुपये कर दिया गया है
• वन टाइम फर्नीचर अलाउंस- 1 लाख 25 हजार रुपये
• निर्वाचन क्षेत्र भत्ता- 87,000 रुपये प्रति माह
• सांसदों को साल में अपने या परिवार के लिए 34 मुफ्त हवाई टिकट मिलते हैं
• मुफ्त रेल पास
• 50,000 यूनिट मुफ्त बिजली, 4 लाख लीटर मुफ्त पानी
• फोन और इंटरनेट भत्ता: लोकसभा सांसदों को साल में 1,50,000 मुफ्त कॉल, राज्यसभा सांसदों को 50,000 मुफ्त कॉल
• सड़क यात्रा के लिए भत्ता

मंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं:

• सैलरी 1.24 लाख रुपये
• निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 87,000 रुपये
• मासिक भत्ता 75,000 रुपये
• कुल मिलाकर 2.86 लाख रुपये का वेतन-भत्ता (पहले 2 लाख 30 हजार रुपये था)
• मंत्रियों को सांसदों जैसा कार्यालय भत्ता नहीं मिलता
• वन टाइम फर्नीचर अलाउंस भी नहीं मिलता

सांसदों का वेतन और भत्ता कितनी बढ़ोतरी की गई है?

नई अधिसूचना के अनुसार, सांसदों का दैनिक भत्ता 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है। पूर्व सांसदों के लिए पेंशन में भी बढ़ोतरी की गई है, जो पहले 25,000 रुपये महीने थी, अब उसे बढ़ाकर 31,000 रुपये कर दिया गया है। पांच साल से अधिक सेवा करने वाले पूर्व सांसदों को हर साल अतिरिक्त पेंशन के तौर पर 2,000 रुपये महीने से बढ़ाकर अब 2,500 रुपये महीने मिलेंगे।

सांसदों के निर्वाचन क्षेत्र भत्ते और ऑफिस खर्च में भी वृद्धि की गई है:

• सांसदों को अब 1.24 लाख रुपये प्रति माह सैलरी मिलेगी
• निर्वाचन क्षेत्र भत्ता अब 87,000 रुपये प्रति माह मिलेगा, पहले यह 70,000 रुपये था
• कार्यालय खर्च के लिए 75,000 रुपये मिलेंगे, पहले यह 60,000 रुपये था

आखिरी बार 2018 में सांसदों की सैलरी बढ़ाई गई थी, तब यह 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई थी। सरकार ने 5 साल में एक बार सांसदों के वेतन और भत्तों में संशोधन करने का नियम बनाया था, जो मुद्रास्फीति के आधार पर किया जाता है। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने सांसदों और मंत्रियों की सैलरी में 30% की कटौती की थी, लेकिन अब एक बार फिर सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी कर दी गई है।

Published By: Satish Kashyap