‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के अंतर्गत तिरंगा रैली का आयोजन देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को मिला नया संबल

79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम का आयोजन इस वर्ष 2 अगस्त से 15 अगस्त 2025 तक तीन चरणों में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता में देशभक्ति की भावना का विकास करना और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान को और प्रगाढ़ बनाना है।

‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के अंतर्गत तिरंगा रैली का आयोजन देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को मिला नया संबल
REPORTED BY - Anoop Raizada, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

बरेली/जनमत न्यूज। 79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम का आयोजन इस वर्ष 2 अगस्त से 15 अगस्त 2025 तक तीन चरणों में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता में देशभक्ति की भावना का विकास करना और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान को और प्रगाढ़ बनाना है। इसके तहत सभी नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम “हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता, स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग” पर आधारित है।

इस अभियान के तहत पहला चरण 2 से 8 अगस्त, दूसरा चरण 9 से 12 अगस्त और तीसरा चरण 13 से 15 अगस्त तक चलेगा। द्वितीय चरण के अंतिम दिन आज तिरंगा रैली का आयोजन किया गया, जिसमें जिलाधिकारी अविनाश सिंह और मुख्य विकास अधिकारी देवयानी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

इस रैली में अपर जिलाधिकारी नगर सौरभ दुबे, जिला पंचायत राज अधिकारी कमल किशोर, समेत कई जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। रैली विकास भवन परिसर से शुरू होकर गांधी उद्यान, चौकी चौराहा, थाना कोतवाली, प्रेमनगर होते हुए सीआई पार्क में संपन्न हुई। पूरे मार्ग में तिरंगों की लहराती छटा ने वातावरण को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।

इस अवसर पर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की गई कि कार्यक्रम के तीसरे चरण में 13 से 15 अगस्त तक अपने कार्यालयों, घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों पर पूरे सम्मान और आदर के साथ तिरंगा फहराएं और आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

‘हर घर तिरंगा’ अभियान का उद्देश्य न केवल ध्वज फहराना है, बल्कि तिरंगे के साथ भावनात्मक और व्यक्तिगत जुड़ाव को भी बढ़ावा देना है। यह पहल अमर बलिदानियों, क्रांतिकारियों और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक सशक्त माध्यम बन चुकी है। पिछले कुछ वर्षों में यह अभियान राष्ट्रीय अस्मिता, देशभक्ति और गौरव के जन भागीदारी आंदोलन के रूप में स्थापित हो चुका है।