लोहिया संस्थान में शारीरिक क्रियाशीलता पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में "शारीरिक क्रियाशीलता के महत्व" पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संस्थान के कम्युनिटी मेडिसिन और कार्डियोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।

लखनऊ/जनमत:- डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में "शारीरिक क्रियाशीलता के महत्व" पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संस्थान के कम्युनिटी मेडिसिन और कार्डियोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ) सी. एम. सिंह ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में शारीरिक निष्क्रियता बढ़ रही है, जो हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों को जन्म दे रही है। उन्होंने प्रतिदिन कम से कम 30-40 मिनट की ब्रिस्क वॉक को आवश्यक बताया।
संस्थान के डीन प्रो. प्रद्युम्न सिंह ने कहा कि अधिकांश बीमारियाँ जीवनशैली से जुड़ी हैं और उन्हें रोकने के लिए फिजिकल एक्टिविटी को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील दत्त कांडपाल ने शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी नियमित व्यायाम को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. नरसिंह वर्मा ने विश्व स्वास्थ्य संगठनों की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि सक्रिय जीवनशैली वैश्विक स्वास्थ्य का आधार बन चुकी है।
लाइफस्टाइल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विनीता सिंह ने सभी आयु वर्ग के लिए पोषण और व्यायाम के संतुलन पर जोर देते हुए अंतरराष्ट्रीय शोधों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया।
कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. भुवन तिवारी ने कहा, “आज हृदय रोग युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। फिजिकल एक्टिविटी अब विकल्प नहीं, अनिवार्यता बन चुकी है।”
कार्यक्रम में एमबीबीएस छात्रों ने एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें असक्रिय जीवनशैली से होने वाली बीमारियाँ और उनके समाधान को रोचक रूप में दिखाया गया। साथ ही, फिटनेस गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें संस्थान के डॉक्टरों, स्टाफ और छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इस जागरूकता कार्यक्रम का समन्वय आयोजन सचिव डॉ. सुमीत दीक्षित द्वारा किया गया, जबकि मंच संचालन डॉ. अक्षयता सिंह और डॉ. सिमरन ने किया।
कार्यक्रम में संस्थान के अनेक वरिष्ठ संकाय सदस्य और अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. विक्रम सिंह (चिकित्सालय अधीक्षक), डॉ. अरविंद कुमार सिंह, डॉ. अमित कौशिक, डॉ. विनीता शुक्ला, डॉ. बीना सचान, डॉ. रश्मि कुमारी, डॉ. पीयूष करीवाला, डॉ. आशीष झा, डॉ. मिली, डॉ. शिखर, डॉ. अनामिका, डॉ. अर्शी, डॉ. अतुल जैन, डॉ. अर्पिता सहित अन्य शामिल थे।