कांग्रेस का केंद्र पर हमला: पहलगाम आतंकी हमला लोकतांत्रिक मूल्यों पर चोट, भाजपा पर ध्रुवीकरण का आरोप
कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाला बर्बर कृत्य था, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और गणराज्य की बुनियादी मान्यताओं पर सीधा प्रहार है।

नई दिल्ली (जनमत): कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाला बर्बर कृत्य था, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और गणराज्य की बुनियादी मान्यताओं पर सीधा प्रहार है। पार्टी का आरोप है कि इस दुखद घटना का उपयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समाज में विभाजन और ध्रुवीकरण बढ़ाने के लिए कर रही है।
पार्टी की कार्य समिति (CWC) की बैठक के बाद महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि समिति ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया कि आतंकियों ने पाकिस्तान की सरपरस्ती में इस नृशंस हमले को अंजाम दिया, जो हमारे राष्ट्रीय मूल्यों पर हमला है।
कांग्रेस का कहना है कि हमले में मारे गए 26 पर्यटकों और घायल हुए दर्जनों नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए खुफिया तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूकों की निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए।
सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में कहा गया कि ऐसे वक्त में जब देश को एकजुटता की आवश्यकता है, तब भाजपा अपने आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों के जरिए लोगों में मतभेद और संदेह पैदा करने का प्रयास कर रही है।
बैठक में तय किया गया कि पहलगाम हमले को लेकर आज शाम होने वाली सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भाग लेंगे। कांग्रेस ने यह भी मांग रखी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस बैठक की अध्यक्षता करें।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि पहलगाम एक हाई-सिक्योरिटी जोन है, फिर भी इस प्रकार की घटना का घटित होना चिंता का विषय है। ऐसे में यह जरूरी है कि खुफिया तंत्र में हुई चूक और सुरक्षा खामियों की समीक्षा की जाए, क्योंकि यह क्षेत्र सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है।
राहुल गांधी ने अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर इस बैठक में हिस्सा लिया, जो पार्टी मुख्यालय 24 अकबर रोड पर हुई। कांग्रेस ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
बैठक के बाद पार्टी नेता गुलाम अहमद मीर ने दावा किया कि सुरक्षा में उतनी सतर्कता नहीं थी जैसी पहले हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि कुछ खुफिया जानकारी पहले से मौजूद होने की खबरें हैं, फिर भी एजेंसियों की ओर से जरूरी ऐहतियात नहीं बरती गई।
सीडब्ल्यूसी ने यह भी कहा कि अमरनाथ यात्रा जैसे वार्षिक आयोजनों में लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं और उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजीविका और पर्यटन उद्योग की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी अनिवार्य है।