बलरामपुर में यूरिया खाद के लिए मचा हाहाकार, रात-रात भर जागकर लाइनों में लग रहे किसान

बीते एक माह से जिले में यूरिया खाद की आपूर्ति बेहद सीमित रही है। कुछ ही दिन पूर्व बलरामपुर के माल गोदाम में ट्रकों से हजारों बोरी यूरिया खाद आई थी, लेकिन किसानों तक इसकी पहुँच नाम मात्र की रही। शेष खाद कहाँ गई, इस पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

बलरामपुर में यूरिया खाद के लिए मचा हाहाकार, रात-रात भर जागकर लाइनों में लग रहे किसान
REPORTED BY - GULAM NABI, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

बलरामपुर/जनमत न्यूज। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद में यूरिया खाद को लेकर भारी संकट खड़ा हो गया है। स्थिति यह है कि किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए रात-रात भर समितियों और दुकानों के बाहर लाइन में लगकर इंतजार करने को मजबूर हैं। कई-कई दिनों तक इंतजार करने के बाद भी किसानों को यूरिया की एक बोरी तक नहीं मिल पा रही। किसान परेशान हैं कि अगर समय पर खाद उपलब्ध नहीं हुई तो उनकी मेहनत से खड़ी फसल पूरी तरह से खराब हो जाएगी।

जानकारी के अनुसार, बीते एक माह से जिले में यूरिया खाद की आपूर्ति बेहद सीमित रही है। कुछ ही दिन पूर्व बलरामपुर के माल गोदाम में ट्रकों से हजारों बोरी यूरिया खाद आई थी, लेकिन किसानों तक इसकी पहुँच नाम मात्र की रही। शेष खाद कहाँ गई, इस पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। किसानों का आरोप है कि बड़े पैमाने पर खाद की कालाबाजारी हो रही है।

हालात बिगड़ते देख जिलाधिकारी ने कुछ दिन पूर्व कृषि अधिकारी को निलंबित भी किया था, लेकिन इसके बावजूद समस्या और गंभीर होती जा रही है। किसानों का कहना है कि प्रशासन और सरकार की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।

राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है। बीजेपी के गैसड़ी विधानसभा के पूर्व विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर किसानों की समस्या को सामने रखा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने इस संकट को लेकर जोरदार प्रदर्शन भी किया है। सपा के पूर्व विधायक जगराम पासवान ने कहा कि अन्नदाता बेहद परेशान हैं और यही नाराजगी 2027 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए घातक साबित होगी।

इसी क्रम में भारतीय मजदूर किसान संगठन राष्ट्रवादी के जिलाध्यक्ष मोहम्मद खलील शाह ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “सरकार दावा कर रही है कि यूरिया खाद पर्याप्त मात्रा में मौजूद है, जिलाधिकारी कह रहे हैं कि किल्लत नहीं है, लेकिन किसान दर-दर भटक रहे हैं। यही समस्या बसपा और सपा की सरकार को ले डूबी थी और अब यही हाल भाजपा का भी होगा।”

वहीं, भारतीय किसान मजदूर संगठन के तहसील अध्यक्ष बड़ेलाल पाण्डेय ने शासन-प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर जिले में पर्याप्त यूरिया खाद उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि किसानों की फसलें बच सकें और उनकी कठिनाइयाँ कम हों।