बौद्ध स्थल का सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ शुरू 

भगवान गौतम बुद्ध की तपोस्थली से कौशांबी की विश्व में एक अलग पहचान हैं। जैन व बौद्ध स्थल में भारत ही नहीं कंबोडिया थाईलैंड श्रीलंका आदि देशों के लोगों को इस स्थान से भारी आस्था जुड़ी है। यमुना तट पर बसे कोसम ईनाम में भगवान गौतम बुद्ध ने चर्तुमाषा किया था। इसी वजह से कौशांबी का नाम विश्व विख्यात है।

बौद्ध स्थल का सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ शुरू 

कौशांबी/जनमत। भगवान गौतम बुद्ध की तपोस्थली से कौशांबी की विश्व में एक अलग पहचान हैं। जैन व बौद्ध स्थल में भारत ही नहीं कंबोडिया थाईलैंड श्रीलंका आदि देशों के लोगों को इस स्थान से भारी आस्था जुड़ी है। यमुना तट पर बसे कोसम ईनाम में भगवान गौतम बुद्ध ने चर्तुमाषा किया था। इसी वजह से कौशांबी का नाम विश्व विख्यात है। गौतम बुद्ध ने घोषित राम विहार में रहकर तप करने के साथ सत्य और अंहिसा का उपदेश दिया था। गौतम बुद्ध की इस तपोस्थली का विश्व में अलग पहचान है। मान्यता है कि बुद्ध के अनुयायी जब तक यहां नहीं आते हैं, उनकी तीर्थयात्रा अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि कम्बोडिया, श्रीलंका व थाईलैंड समेत पूरे विश्व से बौद्ध धर्म के लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

कौशांबी प्रशासन लगातार बौद्ध स्थल की सुंदरीकरण के प्रयास कर रहा था। जिसके लिए शासन को पत्र लिखा गया था। जिस पर शासन ने मंजूरी देते हुए 80 करोड रुपए का बजट बौद्ध स्थल के सुंदरीकरण के लिए दिया है। जिस पर कार्य भी चालू हो गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत  में गौतम बुद्ध पार्क बनया जायेगा जिसमे पर्यटन के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन प्रोजेक्ट पर 3-4 महीने से कार्य शुरू हो गया है। UPCL कार्यदायी संस्था कार्य कर रही है। 2025 लास्ट तक कम्प्लीट करने का समय दिया गया है।
बतादें कि कौशांबी में बौद्ध स्थल के पास श्रीलंका और कंबोडिया की सरकारों ने बौद्ध मंदिर बनवाए हैं। थाईलैंड की सरकार भी एक बौद्ध मंदिर का निर्माण करा रही है। कौशांबी में बौद्ध धर्म के लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

REPORTED BY - RAHUL BHATT

PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR