भारत आया अफगानिस्तान का विदेश मंत्री अपनी प्रेस कॉन्फेंस महिला पत्रकारों को नहीं मिली एंट्री लोगो नराजगी !
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी सात दिनों के भारत दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फेंस आयोजित की, जिसमें महिला

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी सात दिनों के भारत दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फेंस आयोजित की, जिसमें महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। मुत्तकी अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान सरकार का हिस्सा हैं। यह समूह महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के लिए जाना जाता है, जो उन्हें काम करने से रोकता है।
गुरुवार को भारत पहुंचे मुत्तकी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की। इस बैठक को संबंधों में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें भारत ने घोषणा की कि काबुल स्थित तकनीकी मिशन को दूतावास में अपग्रेड किया जाएगा, जिसका अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री ने स्वागत किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के स्वास्थ्य, आपदा राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसके अलावा मुत्ताकी ने भारत को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान किसी भी तत्व को अपनी जमीन का इस्तेमाल नई दिल्ली के हितों के खिलाफ नहीं करने देगा। जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुझे भारत के तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा देने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
हालांकि, दोपहर में अफ़ग़ानिस्तान दूतावास में मुत्तक़ी द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं को शामिल होने से रोक दिया गया। इसके बाद कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया और यह भी बताया कि सभी महिला पत्रकारों ने ड्रेस कोड का सम्मान किया था। कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस कार्रवाई पर सवाल भी उठाए।
अफगान दूतावास में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला पत्रकारों की गैरमौजूदगी साफ नजर आई। इस कार्यक्रम में कुल 20 पत्रकार शामिल हुए, लेकिन उनमें एक भी महिला रिपोर्टर मौजूद नहीं थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम में किसे शामिल किया जाएगा, इसका फैसला खुद मुत्ताकी के साथ आए तालिबान अधिकारियों ने किया। उनके अनुसार, भारतीय अधिकारियों की ओर से यह सुझाव दिया गया था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी पत्रकारों को, खासकर महिला पत्रकारों को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि भागीदारी समान हो।
हालांकि, यह बहुत कम ही देखने को मिलता है कि नई दिल्ली में किसी विदेशी कार्यक्रम या मीडिया मीटिंग से महिला पत्रकारों को बाहर रखा जाए। फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या तालिबान ने भारतीय अधिकारियों को पहले से यह जानकारी दी थी कि मुत्ताकी के कार्यक्रम में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया जाएगा। तालिबान शासन आने के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों में भारी कमी आई है। पहले की निर्वाचित सरकारों ने जो अधिकार उन्हें दिए थे, वे अब लगभग समाप्त हो चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगान महिलाओं को अब काम करने के अवसर नहीं मिल रहे हैं और कई बार वे किसी पुरुष परिजन के बिना जरूरी सेवाओं तक भी नहीं पहुंच पातीं। इसके अलावा, लड़कियों को स्कूल और उच्च शिक्षा से भी वंचित रखा जा रहा है।