हाथरस पुलिस ने अन्तर्राज्यीय बच्चा चोर गैंग के चार शातिर अभियुक्तों को किया गिरफ्तार 

हाथरस पुलिस ने अन्तर्राज्यीय बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। घटना में संलिप्त 04 शातिर अभियुक्तों की गिरफ्तारी करते हुये चोरी/अपह्रत बालक की विजयवाड़ा (आन्ध्र प्रदेश) से 03 दिवस के अन्दर ही सकुशल बरामदगी की है।

हाथरस पुलिस ने अन्तर्राज्यीय बच्चा चोर गैंग के चार शातिर अभियुक्तों को किया गिरफ्तार 
REPORTED BY - SOMESH MISHRA, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

हाथरस/जनमत। हाथरस पुलिस ने अन्तर्राज्यीय बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। घटना में संलिप्त 04 शातिर अभियुक्तों की गिरफ्तारी करते हुये चोरी/अपह्रत बालक की विजयवाड़ा (आन्ध्र प्रदेश) से 03 दिवस के अन्दर ही सकुशल बरामदगी की है। पुलिस अधीक्षक ने बच्चे के घर पहुंच कर बच्चे को किया उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों के चेहरे पर बच्चों को पाकर खुशी तैर रही है।
बतादें कि 09 मई को थाना कोतवाली सदर क्षेत्र के जागेश्वर मोहल्ला से एक बच्चा कविश (04 वर्ष) शाम करीब 06.30 बजे घर के बाहर खेलते समय गायब हो गया था। पुलिस अधीक्षक हाथरस चिरंजीव नाथ सिन्हा द्वारा घटना को अत्यंत गम्भीरता से लेते हुए अपहृत की शीघ्र सकुशल बरामदगी व घटना में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु 04 टीमों का गठन किया गया था तथा एसओजी व सर्विलांस टीम को भी लगाया गया। थाना कोतवाली नगर पुलिस एवं एसओजी टीम की संयुक्त कार्यवाही में अन्तर्राज्यीय बच्चा चोर गिरोह के गैंग का पर्दाफाश करते हुये अपहरण के मुकदमें का सफल अनावरण कर घटना कारित करने वाले 04 अपहरणकर्ताओं को विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) से गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार अभियुक्तगणों के कब्जे से 03 मोबाईल फोन (घटना में प्रयुक्त), 02 एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड आदि बरामद हुए है। पुलिस टीमों द्वारा अभियुक्तगणों को गिरफ्तार कर अपहृत बच्चे कविश को सकुशल विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) से बरामद किया गया तथा अभियुक्तगणों का सम्बन्धित न्यायालय (विजयवाडा आंध्रप्रदेश) से ट्रान्जिस्ट रिमाण्ड कराकर जनपद हाथरस लाया गया है। गिरफ्तारी व बरामदगी के सम्बन्ध में थाना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की गई है।
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि हमारा एक संगठित गिरोह है जिसमें करीब 01 दर्जन सदस्य है जो नवजात शिशु से लेकर 3-4 वर्ष के बच्चों को चोरी कर लेते है। इसके लिये वह अपने टारगेट के आसपास किराये का मकान लेते है फिर टारगेट की फैमिली से घनिष्ठता बना लेते है। इस दौरान टारगेट का फोटो अपने गैंग के अन्य सदस्यों को भेजते है जब टारगेट का फोटो ओके हो जाता है तो पैसे की बात होती है। नवजात शिशु का मूल्य अधिक होता है और उम्र के हिसाब से मूल्य का निर्धारण करते है। तत्पश्चात टारगेट को लगातार वॉच करते है और मौका पाते ही टारगेट को बहला फुसलाकर तथा अत्यन्त छोटे बच्चो/नवजात की मां की व्यवस्तता का फायदा उठाकर उसे ले जाते है और तुरन्त दूसरे सदस्य को हैंड ओवर करते है और खुद वहीं पर बने रहते है ताकि किसी को शक ना हो। टारगेट को एक सदस्य से दूसरे सदस्य तक हैंड ओवर करते हुये अन्तिम क्रेता तक पहुँचाते है। जानबूझकर अत्यन्त दूरस्थ स्थान पर ले जाया जाता है कि वहां तक पुलिस व उसके घर वाले पहुँच न पाये। अभी तक प्रारम्भिक पूछताछ में करीब 8 बच्चों के खरीद-फरोख्त की जानकारी सामने आयी है।